Indian Railways : रेलवे अपनी कमाई का 54 फिसदी से ज्यादा इस काम पर कर रहा खर्चा,
रेलवे ने पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस साल यात्री सुरक्षा पर 54 फीसदी अधिक खर्च किया है. रेलवे का इस दौरान रेवेन्यू भी पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले बढ़ा है.
Railways : ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, भारतीय रेलवे ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में पिछले पांच महीनों में लगभग 54 प्रतिशत अधिक धन का उपयोग किया है. रेल मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा के अलावा, 1 अप्रैल से 31 अगस्त के बीच विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे नई लाइनें, दोहरीकरण, गेज परिवर्तन और यात्री सुविधाएं बढ़ाने में भी काफी धन का उपयोग किया है. रेल मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज के अनुसार, भारतीय रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में अगस्त 2023 तक कैपिटल एक्सपेंडिचर का लगभग 48 प्रतिशत इस्तेमाल कर लिया है.
बयान में कहा गया है, “रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है. सुरक्षा संबंधी कार्यों को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण राशि का निवेश किया गया है.” बयान के मुताबिक, पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस काम पर पूंजीगत व्यय 54 फीसदी अधिक इस्तेमाल हुआ है. इस अवधि के दौरान, रेलवे ने 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है. इसमें माल ढुलाई खंड, यात्री खंड और अन्य विविध राजस्व शामिल हैं.
माल ढुलाई बढ़ी
मंत्रालय ने कहा, “माल ढुलाई के मामले में, भारतीय रेलवे ने 1 अप्रैल, 2023 से 31 अगस्त, 2023 के दौरान 634.66 मीट्रिक टन का लक्ष्य हासिल किया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 620.88 मीट्रिक टन था.” मंत्रालय ने कहा, “इसी अवधि के दौरान कोयले की लोडिंग पिछले वर्ष की इसी अवधि के 305.39 मीट्रिक टन के मुकाबले 311.53 मीट्रिक टन है.” उपरोक्त के अलावा, रेल द्वारा ऑटोमोबाइल परिवहन में 26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. जबकि ऑटोमोबाइल से कमाई में 24.5 फीसदी का उछाल आया है.” इसमें कहा गया है कि अगस्त 2022 में 119.33 मीट्रिक टन लोडिंग हुई थी जो इस अगस्त महीने में बढ़कर 126.95 मीट्रिक टन हो गई. यह 6.38 प्रतिशत की वृद्धि है.
अन्य आंकड़े
बयान में कहा गया है, “इसी अवधि में उर्वरक की लोडिंग पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त 22.25 मीट्रिक टन से बढ़कर 24.13 मीट्रिक टन हो गई, जो 8.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.” सीमेंट लोडिंग पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त 59.44 मीट्रिक टन से बढ़कर 63.29 मीट्रिक टन हो गई, जो 6.48 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है. कंटेनर सेवाओं की लोडिंग पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त 32.6 मीट्रिक टन से बढ़कर 34.31 मीट्रिक टन हो गई, जो 5.22 प्रतिशत की वृद्धि है. जहां तक पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक (पीओएल) का सवाल है, पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त 19.91 मीट्रिक टन की तुलना में 20.59 मीट्रिक टन की लोडिंग हुई, जिसमें 3.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
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