भारतीय रेलवे का अहम फैसला, अब वंदे भारत ट्रेन में लेटकर यात्रा कर सकेंगे यात्री
Saral Kisan - अब देश की सबसे आधुनिक ट्रेन वंदे भारत से सफर करना और भी आसान हो जाएगा। आप अभी भी वंदे भारत में बैठकर सफर कर रहे हैं। लेकिन हर किसी को आठ से दसवीं घंटे बैठना आसान नहीं होता। भारतीय रेलवे ने इसे ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब आप आराम से वंदे भारत ट्रेनों में लेट सकेंगे। भारतीय रेलवे स्लीपर डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन को जल्द ही चलाने की योजना बना रहा है। भारत में इन स्लीपर वंदे ट्रेनों का निर्माण जून 2025 से शुरू हो जाएगा। ये ट्रेनें 2025 के अंत में या 2026 में शुरू होंगी।
टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) तैयार करेगा 80 वंदे भारत शयनयान कोच से सजी ट्रेनों का वाणिज्यिक उत्पादन जून 2025 से उत्तरपाड़ा संयंत्र में शुरू होगा। टीआरएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के 80 सेट बनाने का काम बीएचईएल के साथ गठजोड़ को दिया है। वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन अभी भी चल रही वंदे भारत ट्रेन से अलग होगी। यात्रियों को बैठने वाली सीटों की जगह सोने लायक सीटें दी जाएंगी।
24000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट गठजोड़ इस ट्रेन के 50 से 55 प्रतिशत कलपुर्जों को बंगाल में बनाएगा। TRSA इस गठजोड़ में 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रेलवे से मिलने वाले इस ठेके में टीआरएसएल की हिस्सेदारी करीब 12,716 करोड़ रुपये है, कंपनी के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने बताया। उनका दावा था कि इस समझौते को छह वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा।
निर्माण इन दो स्थानों पर होगा
चौधरी ने कहा, ‘‘वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का वाणिज्यिक उत्पादन जून, 2025 से शुरू होगा और इसके लिए उत्तरपाड़ा संयंत्र में जरूरी ढांचा तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए अलग से 650 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।उन्होंने कहा कि दो साल के भीतर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला मॉडल बनाया जाएगा। पहली आठ ट्रेनें उत्तरपाड़ा संयंत्र में पूरी तरह निर्मित होंगी, जबकि बाकी ट्रेनें रेलवे के चेन्नई संयंत्र में असेंबल होंगी। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 887 यात्री ले सकेगी. यह 160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेगी। उसमें 16 डिब्बे होंगे, जिसमें 887 यात्री एक साथ यात्रा कर सकेंगे। चौधरी ने कहा कि रेल विकास निगम लिमिटेड और रूसी कंपनी टीएमएच 120 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की आपूर्ति करेंगे।
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