भारतीय सेना ने AI-Based ये खास उपकरण तैयार किया, जो रात में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करेगा
Saral Kisan: भारतीय सेना ने एक डिवाइस बनाया है जो दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बना है। इस उपकरण को बनाने के लिए भारतीय सेना को पेटेंट सर्टिफिकेट भी मिल गया है। दरअसल, ये डिवाइस, AI पर आधारित हैं, सड़क दुर्घटनाओं से पहले वाहन चालक को अलार्म बजाकर सचेत करेंगे, खासकर जब चालक नींद में होगा। सेना का कहना है कि यह दुर्घटना को कम करने में मदद करेगा।
इस उपकरण को भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल कुलदीप यादव ने बनाया था और 2021 में पेटेंट के लिए आवेदन किया गया था, जो अब सर्टिफाई किया गया है। भारतीय सेना ने कहा कि उसने एक AI-based disaster prevention system का पेटेंट प्राप्त किया है। सेना ने एक ट्वीट में कहा कि इस एक्सीडेंट प्रवेंशन उपकरण को सेना के रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) कंपोनेंट ने देश में बनाया है। पेटेंट प्रमाणपत्र के अनुसार, यह 2 फरवरी 2021 को दाखिल किया गया था।
ये उपकरण कैसे काम करते हैं:
ये एक एक्सीडेंट प्रेवेंशन उपकरण है जो ड्राइवर की गतिविधियों पर नजर रखेगा और झपकी आने पर तेज बजर बजाएगा। जो नींद में होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगा। इस उपकरण को किसी भी प्रकार के वाहन में आसानी से लगाया जा सकता है। दरअसल, वाहन के डैशबोर्ड पर लगा सेंसर चालक की आंखों पर नजर रखता है और उसे झपकी आने पर सचेत करता है।
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि डिवाइस को कई परिस्थितियों (पहाड़, रेगिस्तान और राजमार्ग) में टेस्ट किया गया है और यह पूरी तरह सफल रहा है। अब परीक्षण के बाद भारतीय सेना के सभी वाहनों में इस सिस्टम को फिट किया जा रहा है। पेटेंट प्राप्त करने से पहले, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के परिवहन निगमों की बसों में AI-बेस्ड एक्सीडेंट प्रेवेंशन डिवाइस की सफलतापूर्वक जांच की गई। विशेष बात यह है कि यह ट्रकों में भी उपयोग किया जा सकता है।
कर्नल कुलदीप यादव मणिपुर में एक सैन्य यूनिट की कमान संभाल रहे थे, जब उनके मन में ऐसा उपकरण बनाने का विचार आया। जब चालक पहाड़ों पर गाड़ी चलाते हैं तो वे थक जाते हैं और सो जाते हैं, जिससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2021 में देश में 1.54 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए। एक रिपोर्ट के अनुसार ड्राइवरों के सो जाने से 57 प्रतिशत से अधिक ट्रक दुर्घटनाएँ होती हैं।
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