India : भारत अमीर बनने से पहले ही हो जाएगा बूढ़ा, जाने क्या कह गए RBI के पूर्व गवर्नर
Reserve Bank of India : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अगर जनसंख्या में बढ़ोतरी के बिना विकास दर छह प्रतिशत प्रति वर्ष बनी रहती है, तो भारत 2047 तक निम्न मध्यम आय वाला देश बना रहेगा।
Saral Kisan : भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने का मोदी सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार ने भारत@2047 योजना प्रस्तुत की है। लेकिन आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अगर जनसंख्या में बढ़ोतरी के बिना विकास दर हर साल छह प्रतिशत बनी रहती है, तो भारत 2047 तक निम्न मध्यम आय वाला देश रहेगा। यह बात राजन ने हैदराबाद में मंथन के एक कार्यक्रम में कही। राजन ने कहा कि देश तेजी से विकसित होने से पहले जनसांख्यिकीय रूप से बूढ़ा हो जाएगा। इसका अर्थ है कि उस समय आपको बढ़ती उम्र वाली जनसंख्या का भी सामना करना होगा।
मोदी सरकार की नीतियों के धुर आलोचक रहे राजन ने कहा, 'अगर आप प्रति वर्ष छह प्रतिशत की दर से हिसाब लगाएं तो आपकी आय हर 12 साल में दोगुनी हो जाएगी और इसलिए 24 वर्षों में हमारी प्रति व्यक्ति आय चार गुना हो जाएगी। आज, भारत में प्रति व्यक्ति आय 2,500 डॉलर (2,07,604 रुपये) से थोड़ी कम है। चार से गुणा करने पर हमारी प्रति व्यक्ति 10 हजार डॉलर (8,33,300 रुपये) होगी। इस हिसाब हम 2047 तक अमीर नहीं बल्कि निम्न मध्यम आय वाले देश बने रहेंगे।'
कम हो जाएगा डेमोग्राफिक डिविडेंड-
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि कुछ दक्षिण भारतीय राज्यों में आबादी बढ़ने की दर कम हो रही है। यानी 2047 के आसपास देश में बुजुर्गों की बड़ी आबादी होगी। यानी भारत को डेमोग्राफिक डिविडेंड का फायदा मिलना बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा ग्रोथ रेट से लेबर फोर्स में शामिल हो रहे सभी लोगों को रोजगार देना संभव नहीं है और इससे देश के अमीर होने से पहले बूढ़ा होने का खतरा है। तब अर्थव्यवस्था के ऊपर बूढ़ी आबादी का ध्यान रखने का प्रेशर होगा। आज भारत में एक बड़ी आबादी युवाओं की है लेकिन आबादी की औसत उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, डेमोग्राफिक डिविडेंड कम होता जाता है।
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