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Income Tax Raid: दूध बेचने वाली महिला कैसे बन गई 100 करोड़ की मालकिन, इनकम टैक्स विभाग ने मारी थी रेड

आज हम आपको राजस्थान के नीमकाथाना शहर की पहाड़ियों के बीच बसे गांव दीपावास की रहने वाली एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं। जो पशुपालन और खेती करके अपने बच्चों को पाल रही थी। लेकिन अचानक उसे पता चला कि वह 100 करोड़ की मालिक है। चलिए जानते है पूरी कहानी
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दूध बेचने वाली महिला कैसे बन गई 100 करोड़ की मालकिन, इनकम टैक्स विभाग ने मारी थी रेड

Income Tax Raid, Rajasthan News : आज के समय में अगर किसी युवक के पास 100 करोड़ रुपए हो तो वह अपनी ही मस्ती में खो जाता है और घर और बिजनेस के बारे में नहीं सोचता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने वाले हैं, जो एक राजस्थान की महिला की है। राजस्थान की यह महिला करोड़ों की संपत्ति होने के बाद भी अपने बच्चों का पालन पोषण करने के लिए खेती और पशुपालन का सहारा लेती है। आज हम आपको इस महिला की अजीबो गरीब संघर्ष की कहानी बताने वाले हैं। 

महिला को नहीं पता 100 करोड़ की प्रॉपर्टी का 

आज हम आपको राजस्थान के नीम का थाना की रहने वाली एक महिला की कहानी बताने वाले हैं। यह महिला राजस्थान में नीम का थाना की पहाड़ियों के बीच बसे गांव दीपावास की ढाणी में रहती है। महिला का नाम संजू देवी मीणा है। आज से करीबन 5 साल पहले संजू देवी अचानक अखबार की सुर्खियों में छा गई। 

बता दें कि खेती और पशु पालन करके बच्चों को पाल रही संजू देवी को पता नहीं था कि वह 100 करोड़ रुपए की मालिक है। संजू देवी को उसे समय पता चला जब वह आयकर विभाग की टीम ने पूछताछ के लिए बुलाया। आयकर विभाग ने बताया कि संजू देवी के नाम से जयपुर दिल्ली हाईवे पर 6 गांवों में जमीन खरीदी गई है। 64 बेनामी संपत्तियों को अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत प्रोविजनल रूप से अटैच कर दिया गया था। इस संपत्ति की कुल कीमत 100 करोड़ के लगभग बताई जा रही है। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग ने जब इस मामले की जांच की तो संजू देवी के नाम की गई संपत्ति के तार सीधे मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप की हेज़लनट कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ जुड़े। जब जांच की गई तो पता चला कि संपत्ति का पूरा खेल मुंबई की एक कंपनी द्वारा रचा गया है। आयकर विभाग ने जब जांच की तो पता चला कि संजू देवी के नाम जयपुर दिल्ली हाईवे पर आमेर तहसील के कूकस, खोरामीणा, हरवर, ढंड, नागल तुर्कान और राजपुर ख़नाया गांव में जमीन खरीदी गई है।

इस प्रॉपर्टी को संजू देवी के नाम 2006 में खरीदा गया था। आयकर विभाग की जांच से सामने आया कि संजू देवी के नाम खरीदी गई जमीन का पूरा पैसा मुंबई की एक कंपनी हैजलनट कंस्ट्रक्शन ने दिया था। इस संपत्ति को खरीदने के लिए 2006 में 12.93 करोड रुपए का भुगतान किया गया था। 

कंपनी ने अपने फायदे के लिए जमीन खरीदी, लेकिन संजू देवी मीणा का इस्तेमाल किया गया। संजू देवी मीणा जो खेती करके और पशु पालकर अपना घर चला रही थी। वह नहीं जानती थी कि 100 करोड़ रुपए की मालकिन है। यहां तक की संजू देवी मीणा को यह भी पता नहीं था कि उसके पास कहां-कहां और कितनी जमीन है। 

आयकर विभाग की जांच से सामने आया कि इस पूरे खेल में संजू देवी के पति नरुराम और उसके फुफेरे ससुर की अहम भूमिका बताई जा रही है। संजू देवी ने बताया कि साल 2006 में उसके पति और ससुर ने जमीन खरीदने की बात कहकर साथ ले गए थे। जमीन खरीदने के लिए मुंबई से आए कुछ लोग भी वहां उपस्थित थे। उन्होंने संजू देवी से कागजों पर अंगूठे लगवाए और उसके बाद वह घर चली गई। बता दें कि संजू के पति और ससुर मुंबई में काम करते थे। 

बता दें कि यह राज खुलने  से 10 साल पहले संजू के पति की मौत हो चुकी थी। पति के गुजर जाने के बाद संजू पर बच्चों और घर की जिम्मेवारी आ गई थी। पति की मौत के बाद कोई शख्स उसे हर महीने ₹5000 भेज रहा था। पहले इसे डाक के द्वारा भेजा जाता था और फिर बैंक खाते में आना शुरू हो गए। कई बार पैसे जयपुर में संजू की मां के पास भेज दिए जाते थे। कई साल बाद यह सिलसिला जारी रहा। लेकिन फिर पैसे आना बंद हो गए। 




 

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