घर की इस जगह करते है पितर वास, श्राद्ध में जलाएं 15 दिन दीपक, तृप्त होंगे पूर्वज
New Dehli: भाद्रपद पूर्णिमा से श्राद्ध की शुरुआत हो गई है। ये 16 दिन पितरों को समर्पित हैं। वर्तमान समय में पितरों का स्मरण (remembrance) करके कुछ कार्य करने से पूर्वज खुश होते हैं और अपने वंशजों को सफलता का आशीर्वाद देते हैं। इन 16 दिनों में घर में दीपक जलाने से क्या फायदे होते हैं?
ज्योतिषशास्त्र में दीपक जलाना बहुत महत्वपूर्ण है। पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होता है और अश्विन अमावस्या पर समाप्त होता है। बता दें कि श्राद्ध क्रर्म 29 सितंबर से शुरू होता है। ये 16 दिन पितरों को स्मरण करते हैं, जो उनके निमित्त तर्पण, श्राद्धकर्म और पिंडदान करते हैं। इससे पूर्वज खुश होते हैं, अपने वंशजों पर दया करते हैं और घर को सुख-समृद्धि और धन-वैभव देते हैं।
श्राद्ध के दौरान दीपक जलाने का भी विशेष महत्व बताया गया है। वास्तुशास्त्र में कुछ स्थानों का उल्लेख है जहां पितरों का निवास होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि मां लक्ष्मी के लिए घी का दीपक, हनुमान जी के लिए चमेली का तेल और शनि देव के लिए सरसों का तेल जलाया जाता है। पितृ पक्ष में भी अलग-अलग दीपक जलाए जाते हैं। यह जानें कि इन 16 दिनों में दीपक को किस दिशा और किन स्थानों पर जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
पितृपक्ष पर घर में इन जगहों पर दीपक जलाएं
— ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पितृपक्ष में 16 दिन पितरों का स्मरण किया जाता है। आजकल घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बहुत शुभ है। याद रखें कि वास्तु दक्षिण दिशा में पितरों का निवास बताती है। इसलिए हर दिन दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाना पिता को खुश करता है। साथ ही कृपा भी करते हैं।
– घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना धार्मिक मान्यता है। इससे पितर देव तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही, अपने वंश को सभी मनोकामनाओं को पूरा करने का आशीर्वाद देते हैं।
– धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितृ पक्ष के दिन माता-पिता की कृपा पाना सबसे अच्छा है। इन दिनों में पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही, कृपा करो। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में पितरों के अलावा देवताओं भी रहते हैं। इसलिए, इन 16 दिनों में पीपल के पेड़ के पास घी का दीपक जलाना अनिवार्य है।
— वास्तुशास्त्री कहते हैं कि पितृपक्ष में किचन में पानी की जगह पर दीपक जलाना शुभ है। इससे पितर खुश होते हैं और अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं। इससे पितर खुश होते हैं। साथ ही, मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है।
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