बीते 5 साल में 8 लाख भारतीय लोगों ने छोड़ा देश, चीन पाकिस्तान समेत इन देशों में लगे रहने
saral kisan - आप की जानकारी के लिए बता दे की अभी 2023 का लगभग अभी आधा वर्ष ही गुजरा हैं और 87 हजार से अधिक लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर विदेश गए हैं। बीते पांच वर्षों में 8 लाख से अधिक लोगों ने भारत छोड़ने का निर्णय भी लिया, जो चिंता का विषय भी है। सरकार का यह कहना है कि ये लोग 'निजी कारणों' से देश की नागरिकता छोड़ रहे हैं। सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग भारत छोड़कर दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हो रहे हैं।
राज्यसभा में संदीप कुमार पाठक ने चार प्रश्न पूछे। पहले, पिछले पांच वर्षों में भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या और उन देशों की सूची। दूसरा, इनमें से कितने उद्यमी शामिल थे? तीसरा, क्या सरकार ने इन लोगों की देश छोड़ने की मुख्य वजहें का अध्ययन भी किया है और अगर ऐसा है तो क्या वजह हैं? चौथा, नागरिकता छोड़ने वाले लोगों की नौकरी की सूची।
ये पढ़ें : Business Idea : इस फूल की खेती बना देगी आपको लखपति, 1 क्विंटल का रेट सुन पैरों तले जमीन खिसक जाएगी
सरकार ने राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को यह बताया कि जून 2023 तक महज छह महीनों में 87 हजार 26 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है। 2018 में 1 लाख 34 हजार 561 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी, 2019 में 1 लाख 44 हजार 17 लोगों ने, 2020 में 85 हजार 256 लोगों ने, 2021 में 1 लाख 63 हजार 370 लोगों ने और 2022 में 2 लाख 25 हजार 620 लोगों ने नागरिकता छोड़ दी।
साथ ही उन्होंने बताया कि 2011 में 1 लाख 22 हजार 819, 2012 में 1 लाख 20 हजार 923, 2013 में 1 लाख 31 हजार 405, 2014 में 1 लाख 29 हजार 328, 2015 में 1 लाख 31 हजार 489, 2016 में 1 लाख 41 हजार 603 और 2017 में 1 लाख 33 हजार 49 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी।
भारत की नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जानकारों ने इसके कई कारण बताए हैं। उनका मानना है कि करियर, साफ हवा, बेहतर स्वास्थ्य सेवा, बेहतर शिक्षा के अवसर और जीवन की गुणवत्ता के कई कारण हो सकते हैं। भारत, दूसरे देशों की तरह, दोहरी नागरिकता नहीं देता है। ऐसे में, विदेशी नागरिकता लेने पर भारत की नागरिकता औपचारिक रूप से छोड़नी पड़ती है। लेकिन इसकी कई वजहें बताई जाती हैं।
भारत से बाहर कौन सी जगह लोग चाहते हैं?
भारत छोड़ने के बाद अधिकांश लोगों का पहला लक्ष्य संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) बनता है। इसके बाद पिछले पांच वर्षों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इटली, न्यूजीलैंड, जर्मनी, सिंगापुर, नीदरलैंड्स और स्वीडन में सबसे ज्यादा भारतीयों की एंट्री हुई है। सरकार ने इससे जुड़े आंकड़े भी राज्यसभा में पेश किए हैं।
चीन
विशेष रूप से, लोग भारत छोड़कर चीन को अपना नया घर मान रहे हैं। इन पांच सालों के दौरान 2,442 लोगों ने चीनी नागरिक बनने का फैसला किया है। फिर भी, भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। 2020 से भारतवासी पाकिस्तान भी जा रहे हैं। 2020 में 7, 2021 में 41, 2022 में 13 और जून 2023 तक यहां से नागरिकता प्राप्त की गई है।
उत्तर प्रदेश के इस शहर बनने जा रहा सबसे बड़ा थीम पार्क, 43 एकड़ जमीन पर होगा तैयार