मध्यप्रदेश में अब ATM अथवा बैंकों की गाड़ियां शहरों में रात्रि 9 और गांवों में शाम 7 बजे से बंद
MP News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। प्रदेश की मोहन कैबिनेट में एटीएम वाहनों की सख्ती को लेकर भी चर्चा की गई है.

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में अब एटीएम और बैंक के पैसे लेकर चलने वाले वाहनों के सुरक्षा इंतजारों को लेकर मोहन यादव सरकार ने बड़ी घोषणा की है. इन वाहनों के सुरक्षा के अब कड़े इंतजाम किए जाएंगे। एटीएम और बैंक के पैसे लेकर चलने वाले वाहनों पर अब जीपीएस सीसीटीवी जैसे तमाम सुरक्षा उपकरण लगे होने अनिवार्य होंगे।
वाहनों के लिए नए नियम
अब मध्य प्रदेश में एटीएम या बैंकों के लिए कैश ले जाने वाले वाहनों के लिए नए नियम होंगे। शहरों में रात 9 बजे और ग्रामीण इलाकों में शाम 7 बजे के बाद कैश का परिवहन नहीं हो सकेगा। वाहन में अगर 10 करोड़ रुपए तक कैश है तो उसमें दो गार्ड अनिवार्य होंगे। इससे ज्यादा कैश है तो वाहन में दो हथियारबंद गार्ड और ड्राइवर मौजूद रहेंगे।
प्रावधानों का पालन जरूरी
दो कर्मचारी, सीसीटीवी, लॉकर, संचार की मजबूत व्यवस्था और जीपीएस ट्रैकिंग होना जरूरी होगा। इसका मतलब यह है कि कैश ट्रांसपोर्टेशन और हैंडलिंग करने वाली निजी एजेंसियां अब मध्य प्रदेश में तभी काम कर पाएंगी, जब वे इन प्रावधानों का पालन करेंगी। गृह विभाग ने इसके नियम बना दिए हैं। सभी स्तरों से सैद्धांतिक सहमति बन गई है। जल्द ही इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा।
सिक्योरिटी लाइसेंस भी मान्य होंगे
मध्य प्रदेश में दूसरे राज्यों के सिक्योरिटी लाइसेंस भी मान्य होंगे। गृह विभाग सिक्योरिटी लाइसेंस की व्यवस्था में भी बदलाव करने जा रहा है। अब अगर किसी सुरक्षा एजेंसी के पास दूसरे राज्य का लाइसेंस है तो उसे मध्य प्रदेश में दोबारा नया लाइसेंस बनवाने की जरूरत नहीं होगी। न ही उसका सत्यापन होगा। ऑनलाइन व्यवस्था बनाई जाएगी। इसमें पैसा जमा होगा और रसीद भी मिलेगी।
वाहन डिजाइन नियम के अनुसार बनेगें
केंद्रीय सरकार ने निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए पहले ही नियम बनाए हैं। इसके बाद सड़क परिवहन मंत्रालय ने भी कैश वाहनों के लिए नियम बनाए हैं। मध्य प्रदेश में अब ये लागू होंगे। अब बैंक और एटीएम से पैसे लेकर चलने वाले वाहनों को विशिष्ट पर्पस व्हीकल श्रेणी में पंजीकृत करना होगा। AIs 163:2020 के नियमों के अनुसार ही यह वाहन डिजाइन किया जाएगा। यह वाहन ऑटोमोटिव क्षेत्र के मानकों के अनुसार बनाया जाएगा। इन वाहनों में सुरक्षा के कई उपायों की आवश्यकता होगी। यह वाहन सीसीटीवी और जीपीएस सेंसर से सुसज्जित होंगे, जिससे संबंधित एजेंसी उनकी स्थानीयकरण कर सकेगी।