अगर आपके फ्लैट का रुका है पैसा, अपनाए यह तरीका
Saral Kisan : प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक (Anarock) ने एक रिपोर्ट में बताया कि देश के सात प्रमुख शहरों में करीब साढ़े 4 लाख करोड़ रुपए के लगभग 5 लाख घर अटके हुए हैं या फिर किसी वजह से उनके पूरा होने में काफी देर हो सकती है।
क्या आपका भी फ्लैट एक प्रोजेक्ट के कारण अटक गया है, या फिर बिल्डर की वजह से लंबे समय से रुका हुआ है? आपको लग सकता है कि इस स्थिति में आपके पास इंतजार के सिवाय कोई विकल्प नहीं है, लेकिन यह बिल्कुल सच नहीं है।
अगर आप इस परिस्थिति में हैं, तो आपको यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके पास कौन-कौन से अधिकार हैं। आखिरकार, यह आपकी गहराई में कमाई का मामला है। आइए, हम जानते हैं कि आप कैसे बिल्डर्स या डेवलपर्स के साथ इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक (Anarock) की रिपोर्ट के अनुसार, देश के सात प्रमुख शहरों में लगभग 5 लाख घर अटके हुए हैं या फिर उनके पूरा होने में देर हो सकती है, और इन घरों की मौजूदा मूल्य करीब साढ़े 4 लाख करोड़ रुपए है।
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रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने 2016 में घर खरीदने वालों के लिए एक हथियार प्रदान किया था, जिसका उद्देश्य रियल एस्टेट मामलों में सवालों को हल करना था। RERA ने डेवलपर्स के लिए नियम बनाए, मानक तैयार किए और बिल्डरों को खरीदारों के द्वारा दिए गए 70% राशि को एक अलग बैंक खाते में जमा करने की अनुमति दी, ताकि यह पैसा केवल प्रोजेक्ट के निर्माण में ही इस्तेमाल हो सके।
आपके अधिकार:
राइट टू इंफॉर्मेशन: आप उन सभी डॉक्युमेंट्स को डॉक्युमेंटेड कर सकते हैं जो आपके घर के प्रोजेक्ट के बारे में हैं, जैसे कि निर्माण प्रगति, सर्विसेज, पूरी प्लानिंग आदि। यह सूचना आपके अधिकार को सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
राइट टू पजेशन: आपके पास यह अधिकार होता है कि जब प्रोजेक्ट पूरा होता है, तो आपको अपने फ्लैट का पोजीशन मिलना चाहिए, जिसमें साथ-साथ कॉमन एरिया भी शामिल हो।
राइट टू रिफंड: आपके पास रिफंड का भी अधिकार होता है। यदि प्रोजेक्ट में कोई देरी होती है या बिल्डर RERA के निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो आप ब्याज और मुआवजे की राशि के साथ रिफंड का दावा कर सकते हैं।
अगर पांच साल तक प्रॉपर्टी में किसी तरह की संरचनात्मक दिक्कत या गुणवत्ता के मुद्दे आते हैं, तो बिल्डर को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 30 दिनों के भीतर उन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी होती है। यदि प्रॉपर्टी के टाइटल में कोई समस्या आती है, तो आप कानून की धारा 18(2) के तहत मुआवजे का दावा कर सकते हैं।
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