लिवर को रखना है तंदुरुस्त और जवान तो अपनाएं यह फार्मूले, होंगे ये बड़े फायदे
लिवर, मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, और यह इंसान के शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि में से एक होती है। यह पेट के दाहिने हिस्से में डायफ्रॉम के नीचे स्थित होता है और पित्तरस का उत्पादन करता है।
Saral Kisan - लिवर, मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, और यह इंसान के शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि में से एक होती है। यह पेट के दाहिने हिस्से में डायफ्रॉम के नीचे स्थित होता है और पित्तरस का उत्पादन करता है। लिवर विटामिन ई को भी संश्लेषण करता है, और इसके अलावा, लिवर ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में भी इकट्ठा करता है।
लिवर के अन्य कार्य:
बाइल जूस एवं यूरिया का संश्लेषण: लिवर कार्बनिक पदार्थों को इकट्ठा करने का काम करता है, जिसमें बाइल जूस और यूरिया शामिल होते हैं।
एंजाइमों और हिपैरिन का निकास: लिवर से विभिन्न एंजाइम और हिपैरिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व भी निकलते हैं।
लाल रक्त कणिकाएं (R.B.C.) के लिए आयरन का संचयन: लिवर आयरन को भी भंडारित करता है, जो लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक होता है।
आज के समय में, लोग इतने व्यस्त होते हैं कि वे अपने स्वास्थ्य और आहार पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसका लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंग पर असर पड़ता है। यह इसके परिणामस्वरूप सेहत पर भी प्रभाव डालता है। इसलिए हम निम्नलिखित घरेलू उपायों का उपयोग करके अपने लिवर की सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं:
आहार:
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। आपके आहार में वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मिनरल्स, और विटामिन की संतुलित मात्रा होनी चाहिए। नमक की मात्रा को कम रखें, क्योंकि अधिक नमक से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे सूजन की समस्या हो सकती है।
नींबू:
नींबू में भरपूर विटामिन सी होता है, और यह फैटी लिवर से निकलने में मदद कर सकता है। आप नींबू का उपयोग करके इसके लाभ उठा सकते हैं।
सेब:
सेब का जूस और सेब का सिरका लिवर पर जमे वसा को हटाने में मदद कर सकते हैं। खाली पेट एक सेब खाने से भी इसके लाभ हो सकते हैं।
ग्रीन टी:
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके सेवन से वजन कम हो सकता है और लिवर भी स्वस्थ रह सकता है।
आंवला:
आंवला में भी विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स प्राचुर मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से लिवर के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।