Home Loan का अधिक ब्याज अगर कर रहा है परेशान, तो इस तरीके से मिलेगी मदद
Home Loan - 8 दिसंबर को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया। फिलहाल, होम लोन के इंटरेस्ट रेट में कोई गिरावट नहीं होनी चाहिए। अक्टूबर 2019 से, बैंकों ने फ्लोटिंग रेट के सभी लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) से लिंक कर दिए हैं। रिटेल लोन में EBLR रेपो रेट से है। इसलिए रेपो रेट में बदलाव या बढ़ाव लोन पर सीधा असर डालता है
मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच RBI ने रेपो रेट 250 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाया है। यह 6.5 फीसदी पर पहुंच गया है। इससे होम लोन का इंटरेस्ट रेट भी बढ़ गया है। अभी ज्यादातर बैंक 8.4 से 11 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर होम लोन दे रहे हैं। जिन लोगों ने पहले होम लोन लिया था, उनकी EMI भी काफी बढ़ गई है। जिन लोगों ने EMI में वृद्धि का विकल्प नहीं लिया है, उनके लोन की अवधि बढ़ गई है।
बैंक से इंटरेस्ट रेट कम करने के बारे में बातचीत कर सकते हैं-
पैसा बाजार के होम लोन के हेड रतन चौधरी ने कहा कि अगर आप अपने होम लोन के इंटरेस्ट रेट में राहत चाहते हैं तो आप अपने बैंक से इस बारे में बात कर सकते हैं। अगर पुराने होम लोन और नए लोन के इंटरेस्ट रेट्स में ज्यादा फर्क है तो आप अपने बैंक से इंटरेस्ट रेट में राहत के बारे में बात कर सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक को ईमेल भेजना होगा, जिसमें आपको लोन की रीप्राइसिंग/कनवर्जन फी के बारे में रिक्वेस्ट करना होगा। यह फी लोन के बकाया अमाउंट का 0.25 से 0.50 के बीच हो सकती है।
दूसरे बैंक में लोन शिफ्ट कर सकते हैं-
दूसरा विकल्प यह है कि आप अपने होम लोन को दूसरे बैंक में शिफ्ट कर सकते हैं। हालांकि, इसमें टाइम लग सकता है। साथ ही इसमें पेपरवर्क ज्यादा हो सकता है और आपको फीस भी चुकानी पड़ सकती है। मायमनीमंत्राडॉटकॉम के एमडी और फाउंडर राज खोसला ने बताया कि आपको नए बैंक को अपने लोन के बकाया अमाउंट का 0.25 से 2 फीसदी तक का कुल चार्ज चुकाना पड़ सकता है। इसके लिए मिनिमम चार्ज 12,000 रुपये है। इसमें प्रोसेसिंग फीस, लीगल और वैल्यूएशन फीस आदि शामिल हैं।
क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो उठा सकते हैं फायदा-
कई बैंक ग्राहकों से ज्यादा इंटरेस्ट रेट चार्ज करते हैं। इसकी वजह ग्राहक का क्रेडिट स्कोर होता है। अगर आपकी क्रेडिट स्कोर अच्छी है तो आप बैंक से कम इंटरेस्ट रेट पर होम लोन लेने के लिए बातचीत कर सकते हैं। सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि इंटरेस्ट रेट में कमी से कुल कितना असर पड़ेगा। इसके लिए आप बैंक या एनबीएफसी की वेबसाइट पर उपलब्ध कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कैलकुलेटर आपको बता देगा कि इंटरेस्ट रेट कम होने से आपकी कुल सेविंग्स कितनी होगी। आप चाहें तो अपने EMI को उसी लेवल पर बनाए रख यह देख सकते हैं कि इंटरेस्ट रेट घटने पर आपकी लोन की अवधि कितनी घट जाएगी।
कोई फैसला लेने से पहले जरूरी है कैलकुलेशन-
यह जानना जरूरी है कि अक्टूबर में होम लोन के इंटरेस्ट रेट को रेपो रेट से लिंक किए जाने से पहले लोन MCLR से लिंक्ड होते थे। इसलिए अगर आपने काफी पहले होम लोन लिया है तो आपका लोन एमसीएलआर से लिंक्ड हो सकता है। ऐसे में आप अपने बैंक को अपना होम लोन रेपो रेट लिंक्ड सिस्टम में ट्रांसफर करने को कह सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले आपको एक बार ठीक तरह से कैलकुलेशन कर लेना होगा।
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