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अगर खून का रिश्ता है तो उत्तर प्रदेश के इन जिलों में प्रॉपर्टी ट्रांसफर पर लगेगा केवल 5000

Property Transfer Noida Ghaziabad:खून का रिश्ता एक अनोखा रिश्ता होता है। यह रिश्ता उत्तर प्रदेश सरकार ने भी समझा है। इसलिए राज्य के किसी भी शहर या गांव में प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने पर आपको केवल 5000 रुपये के स्टांप ड्यूटी देनी होगी। इस नीति से नजदीकी परिवार के सदस्यों को भी लाभ होगा। पहले इस नियम को छह महीने के लिए ही लागू किया गया था, लेकिन अब इसकी वैधता अनिश्चित समय तक बढ़ा दी गई है।
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If there is blood relation then only Rs 5000 will be charged on property transfer in these districts of Uttar Pradesh.

Property Transfer Noida Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के महानगर नोएडा, गाजियाबाद या लखनऊ में आपकी कोई प्रॉपर्टी है और आप इसे अपने खून के रिश्तेदारों या किसी करीबी को देना चाहते हैं। तो अब आपको ज्यादा बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। सरकार ने बीते साल जून में बनाई गई पॉलिसी की अवधि को अनिश्चित काल तक बढ़ाने का फैसला किया है। पहले जब इस पॉलिसी को बनाया गया था, तब इसकी वैधता सिर्फ छह महीने के लिए थी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रॉपर्टी ट्रांसफर के बारे में एक बड़ा फैसला किया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस नीति की अवधि अब अनिश्चित काल तक बढ़ा दी गई है। अब रजिस्ट्रेशन में प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने पर 5000 रुपये की स्टांप ड्यूटी और 1000 रुपये का प्रोसेसिंग फीस भी देना होगा।

शामिल होने वाले परिवार के सदस्य

सरकार की इस रियायत का दुरुपयोग नहीं हो, इसलिए सरकार ने परिवार के सदस्यों को भी पारिभाषित कर दिया है। इस नीति से बेटा, बेटी, माता, पिता, पति, पत्नी, बहू, दामाद, सहोदर भाई, सहोदर बहन, पोते-पोती और नाती-नतिनी तक सभी को लाभ मिलेगा।

पहले लगने वाला शुल्क

इस नीति को बनाने से पहले राज्य में परिवार के नजदीकी सदस्यों को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करते समय 7% स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ती थी। इसके साथ ही रजिस्ट्री का निर्धारित शुल्क भी चुकाना होता था। खून के रिश्ते में या परिवार के सदस्यों को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करते समय मनी ट्रांसफर का भी लाभ नहीं होता था, फिर भी 7% की स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ती थी।

सरकार को भी राजस्व का नुकसान होता था

प्रॉपर्टी ट्रांसफर करते समय रजिस्ट्रेशन का खर्चा पहले बहुत ज्यादा होता था। इसलिए लोग अक्सर परिवार के सदस्य को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर करवा देते थे। इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता था। लेकिन नई नीति के बाद लोगों का खर्च कम हो रहा है, और सरकार को आमदनी बढ़ी है।

आपको कितना फायदा होगा

अगर आप 50 लाख रुपए की संपत्ति को किसी नजदीकी सदस्य के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं और उस पर बाजार दर पर 5000 रुपए की स्टाम्प ड्यूटी देते हैं, तो आपका खर्च करीब 4.20 लाख रुपए होगा। लेकिन नई नीति के तहत रजिस्ट्रेशन में सिर्फ 6000 रुपए का खर्च होगा।

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