IAS Story: इमानदारी की मिसाल हैं ये IAS अधिकारी, तकरीबन 19 ट्रांसफर व जान से मारने तक की धमकी, काँपते हैं अपराधी
Saral Kisan : 2005 बैच के आईएएस अधिकारी तुकाराम मुंढे हैं। वह अपनी इमानदारी से प्रसिद्ध भी हैं। उन्हें 16 वर्ष के करियर में 19 बार ट्रांसफर किया गया है। माना जाता है कि अपनी इमानदारी के कारण ही उन्हें इस ट्रांसफर को देखना पड़ा। तुकाराम मुंढे महाराष्ट्र के बीड़ जिले में एक छोटे से गांव ताडसोना में पैदा हुआ था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वह एक गरीब परिवार से आता है और उन्हें आईएएस बनने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था। वह बचपन में स्कूल से बाहर आकर खेतों में काम करने के लिए अपने पिता का हाथ बंटाता था।
तब वे बाजार में सब्जियां बेचते थे। 10वीं तक गांव में पढ़ाई करने के बाद वह कॉलेज में पढ़ने के लिए अपने रिश्तेदार के यहां औरंगाबाद चला गया। 1996 में वे ग्रेजुएशन हुए। बाद में वह यूपीएससी की तैयारी करने लगा। वह अपनी पहली कोशिश में सफल नहीं हुए, लेकिन 2005 में उन्होंने तीसरी कोशिश में सफलता हासिल की और आईएएस बन गए।
उनकी पहली नौकरी महाराष्ट्र के सोलापुर में हुई। ज्वाइनिंग करते ही, उन्होंने अवैध शराब के अड्डों पर रेड मारी। उनकी कार्यशैली ने उन्हें जल्द ही स्थानांतरित कर दिया। 16 साल में वे 19 बार स्थानांतरित हुए हैं। रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई है। लेकिन वह इससे घबराए नहीं और अपना काम इमानदारी से करते रहे।
तुकाराम मुंढे लोगों में अपनी बहादुरी और इमानदारी की वजह से बहुत लोकप्रिय अधिकारी हैं। बहुत कम अधिकारी यह तमगा पाते हैं। बताया जाता है कि उन्होंने हर जगह अपनी अलग छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। वह लोगों का प्रिय था, इसलिए अपराधियों का पहला दुश्मन था।
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