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राजस्थान में वाहनों के रजिस्ट्रेशन का बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ उजागर, सभी हैं गोलमाल

Rajsthan News : राजस्थान में वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। अपने नागालैंड और हिमाचल प्रदेश में फर्जीवाड़ी के मामले सुने होंगे लेकिन अब राजस्थान भी इन मामलों से अछूता नहीं रहा है। राजस्थान के परिवहन विभाग में भी फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा था। 

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राजस्थान में वाहनों के रजिस्ट्रेशन का बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ उजागर, सभी हैं गोलमाल 

Saral Kisan : देश में नागालैंड एवं हिमाचल प्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी परिवहन विभाग का फर्जीवाड़ा वाला सामने आया है। इसे फर्जीवाड़ी में परिवहन विभाग की कर्मचारियों समेत डीलर व वाहन निर्माता भी शामिल है।

मामला आईओसीएल का एक टेंडर है। टेंडर का लाभ उठाने के लिए दौसा और बाड़मेर परिवहन कार्यालयों में दस टैंकरों का फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। यह देखने लायक है कि वाहन निर्माता से लेकर डीलर और परिवहन अधिकारी तक फर्जीवाड़े में शामिल हैं। वाहन कंपनी से बाहर निकलने से फर्जीवाड़ा शुरू हुआ, जो आरटीओ में फर्जी रजिस्ट्रेशन होने तक चलता रहा।

टेंडरिंग प्रक्रिया में एक शर्त थी कि टॉप मॉडल टैंकरों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में, 2023 मॉडल के वाहनों को 2024 मॉडल में बदलकर रजिस्टर किया गया। बाड़मेर आरटीओ ऑफिस में इन सभी सात टैंकर वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन किया गया था।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा

वीई कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड पीथमपुर इंदौर से 24 दिसंबर 2023 को 2023 मॉडल के चैचिस रवाना हुए थे। जोधपुर में वीई कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड को 27 दिसंबर चैसिस पहुंचे। वाहन डीलर ने 2 जनवरी 2024 को वाहनों की चेचिस के बिल जारी किए थे। 

वीई कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड जयपुर जगतपुरा की तरफ से 3 जनवरी को अस्थाई पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया गया। यह अस्थाई पंजीकरण प्रमाण पत्र नियमों के विरुद्ध जारी किया गया। जिस दिन जोधपुर डीलर ने चैसिस बेचे, डीलर को चैसिस बेचने का वैध लाइसेंस नहीं था। तीन जनवरी 2024 को बाडमेर डीटीओ ने सात वाहनों को बिना भौतिक परीक्षण के ही पंजीकृत किया। बाड़मेर आरटीओ में चैसिस के वजन पर ही रजिस्ट्रेशन होता है, न कि चैसिस और टैंकर के वजन पर।

दौसा आरटीओ का ऐसा फर्जीवाड़ा

जनवरी 2024 में एक और दो जनवरी को चेन्नई से चैसिस चले और डीलर मैसर्स संदीप ट्रक्स प्रा. लिमिटेड भीलवाड़ा को नौ जनवरी को मिल गया। बता दे की 2 जनवरी को, मैसर्स संदीप ट्रक्स प्रा. लिमिटेड, भीलवाड़ा ने वाहन को पहुंचने के बिना ही चैससी बिल और अस्थाई पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किए। तीन वाहनों को चार जनवरी को दौसा आरटीओ में बिना भौतिक सत्यापन के रजिस्ट्रेशन किया गया। पेट्रोलियम उत्पाद टैंक बनने के बिना ही जांच किए सत्यापन कर दिया गया। 

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