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उत्तर प्रदेश के किन खेतो में कितनी फसल बोई है, अब एक क्लिक से लगेगा पता

कैबिनेट ने एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रीकल्चर) योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में वास्तविक डाटा प्राप्त करना है और वास्तविक किसानों के खेतों का पता लगाना है और कितने हिस्से में फसल बोई गई है।

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In which fields of Uttar Pradesh, how many crops have been sown, now you will know with one click

Saral Kisan - कैबिनेट ने एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रीकल्चर) योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में वास्तविक डाटा प्राप्त करना है और वास्तविक किसानों के खेतों का पता लगाना है और कितने हिस्से में फसल बोई गई है। एक क्लिक पर किसान का पूरा विवरण मिलेगा। इसलिए उसकी मदद की जाएगी। पहले इस आधार पर 21 जिलों में सर्वे होगा। इससे फसलों का सटीक मूल्यांकन किया जा सकेगा।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के किसानों का डिजिटल डाटाबेस बनाया जाएगा, जिसे फार्मर रजिस्ट्री कहते हैं। जीआईएस के आधार पर उनकी फसलों का रियल टाइम सर्वे किया जाएगा। पहले चरण में, डिजिटल फसल सर्वेक्षण पूरी तरह से 21 जिलों में किया जाएगा, और शेष 54 जिलों में 10-10 राजस्व गांवों में। 15 अगस्त से काम शुरू होगा। प्रदेश के किसानों की पूरी सूचना योजना में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक में संकलित की जाएगी।

कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर भूलेख डाटाबेस और पंजीकृत किसानों के डाटाबेस को एकत्रित करके जीआईएस बेस रियल टाइम फार्मर रजिस्ट्री बनाई जाएगी। यह क्रॉप सोन रजिस्ट्री कहलाता है। दर्शन पोर्टल पर पहले से ही 3.34 करोड़ किसानों के आधार का सत्यापन भी किया जा रहा है। राजस्व परिषद ने हाई रिजोल्यूशन सेटेलाइट चित्रों का उपयोग कर 24 जिलों में 90% से अधिक पंचायतों का मानचित्र बनाया है। इस साल बाकी जिलों में भी यह काम पूरा होगा।

योजना का मकसद

मंत्री ने कहा कि एग्रीस्टैक योजना का लक्ष्य किसानों को केंद्र और राज्य दोनों सरकारी कार्यक्रमों से लाभ मिलाना है। किसानों को आसान ऋण मिलता है और उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पादों से बाजार तक पहुंच मिलती है। प्रत्येक वर्ष खरीफ, रबी और जायद में राजस्व विभाग के लेखपाल, कृषि विभाग के तकनीकी सहायक और गन्ना और उद्यान विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी इस काम में शामिल होंगे।

तीसरी संस्था जांच करेगी

योजना के डाटा में से पांच प्रतिशत को थर्ड पार्टी एजेंसी से सत्यापित कराया जाएगा। थर्ड पार्टी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी द्वारा चुनी जाएगी। बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के बारह राज्यों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया जा रहा है। इसे अब उत्तर प्रदेश में भी शुरू किया जा रहा है।

अयोध्या सहित 21 जिलों में पूरी तरह से डिजिटल क्रॉप सर्वे होगा

भदोही, संत कबीर नगर, औरैया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चंदौली, झांसी, बस्ती, हरदोई, देवरिया और गोरखपुर योजना को अन्य 54 जिलों में 10-10 राजस्व गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर लागू किया जाएगा।

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