देश में किस तरीके से रखे जातें हैं नेशनल हाईवे के नाम? एक नंबर से मिलेगी सारी नॉलेज
National Highway Numbers: देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल तेजी से फैल रहा है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इन राजमार्गों को उनका नाम कैसे मिलता है?
Saral Kisan : भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की देखरेख के लिए देश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की स्थापना 1988 में हुई थी. देश में राष्ट्रीय राजमार्गों से जुडे़ सभी मामले ये संस्था देखती है. देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के नामकरण के लिए भी एक खास तरह का नियम फॉलो किया जाता है, जिससे सिर्फ नंबर के जरिए ये अंदाजा लगाया जा सके कि अमुक राजमार्ग देश के किस हिस्से में पाया जाता है.
देश में उत्तर से दक्षिण जाने वाले सभी राजमार्गों की संख्या सम में होती है, जैसे 2, 8, 44 नेशनल हाईवे. इन हाईवे को नंबर्स पूर्व से पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए ऑर्डर में दिया जाता है. जैसे मान लीजिए कि पूर्वोत्तर के राज्यों में स्थित राजमार्गों की संख्या कम होगी, जबकि गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों से होकर गुजरने वाले राजमार्गों की संख्या अधिक होगी. उदाहरण के लिए राजमार्ग संख्या 2 असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड जैसे राज्यों से होकर गुजरती है. जबकि नेशनल हाईवे संख्या 68 और 70 राजस्थान में है.
पूर्व से होकर पश्चिम जाने वाले राजमार्ग:
इसके बिल्कुल उलट पूर्व से पश्चिम होकर जाने वाले सभी राजमार्गों की संख्या विषम में होती है, जैसे 1, 3 17, 77. इन राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या उत्तर से दक्षिण की तरफ बढ़ते हुए बढ़ती जाती है. जैसे नेशनल हाईवे 1 जम्मू और कश्मीर, 19 बिहार और उत्तर प्रदेश और 87 तमिलनाडु से होकर गुजरती है.
सहायक राजमार्ग:
उत्तर से दक्षिण तक देश में मौजूद सभी प्रमुख राजमार्गों की बात करें, तो सम में 70 और विषम में इनकी संख्या 87 तक हैं. लेकिन इसके अलावा देश में कई सारी सहायक राजमार्ग भी हैं. इन्हें दो के बजाए तीन अंकों से बुलाया जाता है. जैसे नेशनल हाईवे के सहायक राजमार्ग 301, 501, 701 और 701A, नेशनल हाईवे 28 के सहायक राजमार्ग 128, 128A, 128C, 128D, 328, 328A और नेशनल हाईवे 50 के सहायक राजमार्ग 150, 150A, 150E हैं.
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