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Home Loan : यह फॉर्मूला मकान खरीदते समय रखें याद, नहीं होगी EMI व पैसों की चिकचिक

नौकरीपेशा लोगों, खासकर मध्यमवर्गीय लोगों, को हमेशा घर को पूरे प्लानिंग और कैलकुलेशन के साथ खरीदना चाहिए, इससे उनकी मकान की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है और उनका बजट भी सुरक्षित रहता है। यहां खास फॉर्मूला पढ़ें जो सब कुछ सरल बना सकता है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
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Home Loan: Remember this formula while buying a house, there will be no hassle about EMI and money.

Saral Kisan : मिडिल क्लास में घर खरीदना एक बहुत बड़ा सौदा है। खासकर उन लोगों के लिए जो नौकरी करते हैं और हर महीने 60 से 70 हजार रुपये की कमाई करते हैं। ऐसे लोगों को अधिकतर होम लोन मिलता है और घर या फ्लैट खरीदते हैं। लेकिन हर महीने लोन की EMI चुकाने से सैलरी का बहुत कुछ खर्च हो जाता है। जबकि होम लोन लंबी अवधि का होता है, इसलिए ये स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है. इससे घर का बजट बिगड़ जाता है और पैसे को लेकर बात-बात पर चिकचिक शुरू हो जाता है। ये हर घर की कहानी है।

लेकिन अगर आप मकान को पूरी प्‍लानिंग और कैलकुलेशन के साथ खरीदें, तो इससे आपकी मकान की जरूरत भी पूरी हो जाएगी और आप घर की सभी जरूरतों को भी आसानी से पूरा करते रहेंगे. फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट दीप्ति भार्गव कहती हैं कि मकान या फ्लैट खरीदने के मामले में हर किसी को खासकर नौकरीपेशा को 3/20/30/40 का फॉर्मूला अपनाना चाहिए. इससे मकान खरीदने के बाद भी परिवार पर बहुत ज्‍यादा दबाव नहीं पड़ेगा और घर का बजट भी नहीं गड़बड़ाएगा.

ऐसे समझें फॉर्मूला

इस फॉर्मूले में 3 का मतलब है आप जो भी मकान खरीदने जा रहे हैं, उसकी लागत आपकी कुल वार्षिक आय से तीन गुना से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. यानी अगर आपकी वार्षिक आय 10 लाख रुपए है तो आप 30 लाख रुपए तक का मकान या फ्लैट खरीद सकते हैं.

20 की बात करें तो इसका मतलब लोन के टेन्‍योर से है. एक मिडिल क्‍लास व्‍यक्ति को इतने बड़े खर्च के लिए लोन की जरूरत पड़ती ही है. वैसे तो लोन की अवधि जितनी कम हो, उतना बेहतर होता है. लेकिन ईएमआई बोझ न बने और आप इसे आसानी से चुकाते रहें, इसके लिए आप लोन का टेन्‍योर अधिकतम 20 साल तक तय कर सकते हैं. इससे ज्‍यादा बिल्‍कुल न करें.  

30 का मतलब आपकी ईएमआई से है. आप जो भी कमाते हैं, उसकी 30 प्रतिशत से ज्‍यादा आपकी ईएमआई नहीं होनी चाहिए. मान लीजिए कि आप हर महीने 70 हजार रुपए कमाते हैं तो आपकी ईएमआई 21 हजार से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए.

40 का मतलब है आपके डाउन पेमेंट से. जब भी आप कोई फ्लैट लेते हैं, तो आपको उसका डाउन पेमेंट करना होता है. कोशिश करिए कि आप 40 फीसदी तक डाउन पेमेंट कर सकें. इससे आपको लोन कम से कम लेना होगा और कम लोन लेंगे तो उसे छोटी किस्‍तों में और कम समय में चुका सकते हैं. जैसे मान लीजिए आपकी वार्षिक इनकम 10 लाख रुपए है और आपने 30 लाख का फ्लैट खरीदा, तो आपको करीब 12 लाख रुपए डाउन पेमेंट कर देना चाहिए. ऐसे में आपको सिर्फ 18 लाख रुपए का लोन लेना पड़ेगा. इस स्थिति में जो ईएमआई बनेगी, वो इतनी नहीं होगी कि आप आसानी से चुका न सकें.

18 लाख के लोन पर कितनी बनेगी EMI?

अगर आप SBI से 18 लाख रुपए का होम लोन ले रहे हैं, तो SBI Home Loan Calculator के हिसाब से देखें तो इस पर 9.55 फीसदी का ब्‍याज लगेगा. ऐसे में आप इसे 15 सालों के लिए लेते हैं तो ईएमआई 18,850 रुपए देनी होगी और 20 सालों के लिए लेते हैं तो 16,837 रुपए देनी होगी. ऐसे में आपकी सारे काम आसानी से होते रहेंगे.

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