History Of Tea: हर दिन की शुरुआत अक्सर हर किसी की होती हैं चाय के साथ, पर क्या आप जानते हैं इसका इतिहास
हम अक्सर चाय की चुस्कियों से दिन शुरू करते हैं। जब चाय नहीं मिलती, तो दिन व्यर्थ लगता है। हमारे खानपान और दिनचर्या में चाय इतनी अच्छी तरह घुल गई है कि उसके बिना हम एक पूरे दिन की कल्पना ही नहीं कर सकते।
Saral Kisan - हम अक्सर चाय की चुस्कियों से दिन शुरू करते हैं। जब चाय नहीं मिलती, तो दिन व्यर्थ लगता है। हमारे खानपान और दिनचर्या में चाय इतनी अच्छी तरह घुल गई है कि उसके बिना हम एक पूरे दिन की कल्पना ही नहीं कर सकते। यद्यपि हर हिंदुस्तानी चाय का स्वाद और स्वाद जानता है, वे शायद इसके इतिहास को नहीं जानते। हम इस लेख में चाय का इतिहास बताएंगे -
चाय की खोज कैसे हुई -
चीन में चाय की खोज आम है। चीन के एक शासक शेन नंग (Shen nung) ने इसका आविष्कार किया था। यह खोज जानबूझकर नहीं की गई थी, बल्कि अचानक की गई थी। यह घटना लगभग 4800 साल पहले, यानी 2732 ई.पू. में हुई थी। इसके बाद लोग चाय को एक पेय के रूप में जानने लगे।
चाय का प्रचलन भारत में -
चाय को भारत में आजाद करने का श्रेय अंग्रेजों को जाता है। यद्यपि चाय की पत्तियों को पहले भी भारत में अन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता था, लेकिन औद्योगिक दृष्टिकोण से इसके प्रचलन का श्रेय सिर्फ अंग्रेजों को जाता है। 1820 के दशक में, एक अंग्रेज अधिकारी ने चाय पौधे के बारे में बताया कि असम में चाय का मूल स्थान था। बस वर्तमान रूप में इसका प्रयोग नहीं होता था।
भारत विश्व में चाय उत्पादन में अग्रणी है -
भारत दुनिया में चाय उत्पादन में अग्रणी है। भारत की असम, नीलगिरी और दार्जिलिंग चाय विश्व प्रसिद्ध हैं। भारत के अलावा चाय उत्पादन में दुनिया के शीर्ष देशों में चीन और केन्या भी शामिल हैं।
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