High Court News : प्लास्टिक और पॉलिथिन बैन करने पर हाईकोर्ट ने कही यह बात
सिरसा निवासी डॉ. गर्गी ऐरी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट फेरी सॉफेट से कहा कि पॉलीथिन और डिस्पोजल से पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। जिस तेजी से पॉलीथिन और डिस्पोजल का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उससे मानव और पशु-पक्षियों दोनों को खतरा है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
Saral Kisan News : पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने डिस्पोजल, प्लास्टिक और पॉलीथिन के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि चंडीगढ़ में हर जगह प्लास्टिक और पॉलीथिन दिखाई देते हैं। जब तक लोगों को दूसरे विकल्प नहीं मिलते, इन पर रोक लगाना काफी नहीं है।
वर्तमान हालात को देखते हुए, इनसे कभी निजात नहीं मिल सकती। याचिका को खारिज करते हुए, हाईकोर्ट ने याची से कहा है कि वह इस मुद्दे का हल खोजें और फिर से याचिका दाखिल करें।
सिरसा निवासी डॉ. गर्गी ऐरी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट फेरी सॉफेट से कहा कि पॉलीथिन और डिस्पोजल से पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। जिस तेजी से पॉलीथिन और डिस्पोजल का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उससे मानव और पशु-पक्षियों दोनों को खतरा है।
कंपनियों को सलाह दी जाए कि वे अपने उत्पादों को प्लास्टिक पैकिंग में नहीं बेचें। इसकी जगह इको फ्रेंडली पैकिंग सामग्री या पदार्थ का उपयोग करना चाहिए। तेल और शैंपू के बॉटल के बजाय कांच या एल्युमीनियम का उपयोग करें। शिपिंग कंपनियों को भी बबल रैप या थर्माकोल की जगह इको फ्रेंडली सामग्री का पैकिंग करना चाहिए।
याचिका का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा था कि शादियों में उपयोग होने वाले डिस्पोजल प्लेट, चम्मच और गिलासों से पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान होता है। शादियों में बहुतायत में इसका उपयोग होता है और इस्तेमाल करने के बाद इन्हें वहीं फेंक दिया जाता है। शादियों में डिस्पोजल को पूरी तरह से बैन करना और ईको-फ्रेंडली विवाहों को बढ़ावा देना चाहिए अगर पर्यावरण को बचाना है। ईको फ्रेंडली वुडप्लेट या पाल्म लीफ प्लेट इनकी जगह ले सकते हैं। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। याची ने इस पर अपना पक्ष नहीं रखा। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर याचिका को खारिज कर दिया।