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NCR Expressway : दिल्ली-एनसीआर के इन 2 एक्सप्रेसवे पर बनाए जाएंगे हैलीपैड, लोगों को ये फायदा

Delhi NCR Expressway : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के इन दो एक्सप्रेसवे पर हैलिपैड बनाए जाएंगे। जिसके चलते लोगों को ये फायदा मिलेगा.

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NCR Expressway: Helipads will be built on these 2 expressways of Delhi-NCR, people will get this benefit

Saral Kisan : आपात स्थिति में घायलों को जल्द मदद पहुंचाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में एक्सप्रेसवे किनारे हेलीपैड बनाने का फैसला लिया गया है। पहले चरण में ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे हेलीपैड बनाए जाएंगे। उसके बाद अन्य एक्सप्रेसवे पर भी काम शुरू किया जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अधिकारियों के साथ बीते दिनों हुई बैठक में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और हरियाणा सरकार (haryana government) ने सहमति जताई है। इसके साथ इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, नई इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने और एक्सप्रेसवे और एनएच को आपस में जोड़ने जैसे कई मुद्दों पर तेजी से काम करने को लेकर भी सहमति बनी है।

एयर एंबुलेंस से घायलों को रेस्क्यू कर सकेंगे- 

नए नियमों के हिसाब से एक्सप्रेसवे के किनारे 30-50 किलोमीटर की दूरी पर हेलीपैड बनाया जाना जरूरी है, जिससे कोई बड़ा हादसा होने पर एक्सप्रेसवे के किनारे ही एयर एंबुलेंस के जरिये घायलों को रेस्क्यू किया जा सके। इसके साथ ही आसपास के शहर भी आपात स्थिति में मरीज को एयर एंबुलेंस के जरिये कम समय में शिफ्ट कर सकेंगे। इसलिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में जोर दिया गया किया ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे हेलीपैड नहीं है, जबकि वर्तमान में नए बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे के किनारे हेलीपैड बनाई जा रही है।

इसलिए इन दोनों एक्सप्रेसवे (expressway) के किनारे भी नियमों का पालन होना चाहिए, जिस पर एनएचएआई अधिकारियों ने सहमति दी कि अगले एक महीने में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे जगह चिह्नित कर ली जाएगी। उसके बाद प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा जाएगा। कोशिश रहेगी कि अगले तीन महीने के अंदर हेलीपैड बनाने का प्रस्ताव पास कराकर निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। उधर, हरियाणा सरकार ने भी वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे जल्द हेलीपैड बनाने को तैयार है।

कोई रुकावट न हो, इसके लिए सर्वे होगा-

एनएचएआई और हरियाणा सरकार के अधिकारियों का कहना है कि दोनों एक्सप्रेसवे के लूप के बीच में काफी खाली जगह पड़ी है, जिसमें हेलीपैड को आसानी से बनाया जा सकता है। सर्वे के माध्यम से देखना है कि वहां पर कोई पेड़ या किसी तरह की लाइन तो नहीं है। अगर कहीं पर लाइन होगी तो उसे हटाया जाएगा। लूप वो जगह होती है जहां से एक एक्सप्रेसवे या नेशनल हाईवे को जोड़ने के लिए गोलाई में रैंप (सड़क) उतारी जाती है। रैंप के बीच में काफी जगह खाली बच जाती है।

मेरठ के पास भी बनाने की तैयारी-

मौजूदा वक्त में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भोजपुर से पहले एक हेलीपैड बना है, लेकिन एनएचएआई मेरठ के पास लूप में भी एक अतिरिक्त हेलीपैड बनेंगे। उधर, दिल्ली से देहरादून को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर भी बागपत में खेकड़ा से देहरादून के बीच तीन से चार जगहों पर हेलीपैड बनाने की योजना है। एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोर्ड में हमने अगले एक वर्ष के अंदर एनसीआर में दस नए हेलीपैड बनाने पर सहमति दी है।

इन मुद्दों पर भी चर्चा-

- हरियाणा और उत्तर प्रदेश एनसीआर में शामिल जिलों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाएंगे.
- दोनों राज्य दिल्ली की तर्ज पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्टेशन की संख्या छह माह में दोगुना करेंगे.
- उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा और गाजियाबाद में 150-150 नई इलेक्ट्रिक बसों को जल्द बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रही है.
- एनसीआर में शामिल उत्तर प्रदेश के के बाकी शहरों को लेकर भी प्लान पर तेजी से काम हो रहा है.
- एनसीआर में शामिल सभी जिले एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे के किनारे स्थित अस्पतालों को क्लस्टर बनाएंगे.
- अस्पतालों का क्लस्टर तैयार करने के मामले में हरियाणा सरकार ने अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर काम किया जाएगा.
- दुर्घटना संभावित स्थान से 10 किलोमीटर के दायरे में मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को भी चिह्नित करना होगा.

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