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हरियाणा की इस व्हीस्की की दीवानी हुई पुरी दुनिया, मिला हैं व्हिस्की ऑफ द वर्ल्ड का खिताब

आपको बता दें कि हाल ही में एक अध्ययन ने पाया कि हरियाणा की व्हिस्की ने पूरी दुनिया को मोहित कर लिया है। एक रिपोर्ट बताती है कि इस व्हिस्की ने 2023 में बेस्ट व्हिस्की ऑफ द वर्ल्ड का पुरस्कार जीता है। इसलिए, इस व्हीस्की के बारे में जानें..

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The whole world has become crazy about this whiskey of Haryana, it has got the title of Whiskey of the World.

Haryana whiskey brand: यह दो साल पहले की बात है, जब दुनिया कोरोनावायरस की महामारी से घिर गई। हरियाणा के इंद्री में एक छोटी सी चीनी मिल ने अपने अतिरिक्त माल्ट से व्हिस्की बनाने का निर्णय लिया। मिल ने कदम उठाया और इसमें सफल हुआ। चीनी मिल की इंद्री सिंगल मॉल्ट इंडियन व्हिस्की ने 2023 में विश्व की सर्वश्रेष्ठ व्हिस्की का पुरस्कार जीता। इस देसी व्हिस्की को दो बार बेस्ट इन शो अवॉर्ड मिले हैं। पिछले महीने इसकी घोषणा की गई थी। उस श्रेणी में इंद्री ही विजेता थी।

यही वजह है कि चीनी मिल चलाने वाली कंपनी पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज के शेयर में जबर्दस्त उछाल आया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2021 में इस शेयर का भाव 25 रुपये था। तब से यह बढ़कर 241 रुपये हो गया। इंद्री ट्रिनी के लॉन्च के बाद से कंपनी के शेयर की कीमत लगभग 10 गुना बढ़ गई। इंद्री दिवाली के वैश्विक पुरस्कार के कारण पिछले एक महीने में यह दोगुने से अधिक हो गया है, जो लगातार कई दिनों तक ऊपरी सर्किट में पहुंच गया था। हालांकि तब से यह 328 रुपये के अपने ऊपरी भाव से गिरा भी है।

2,275 करोड़ की आज है कंपनी -

व्हिस्की लॉन्च से पहले 250 करोड़ रुपये के बाजार वैल्यूएशन वाली चीनी मिल आज 2,275 करोड़ रुपये की शराब कंपनी है। पिकाडिली एग्रो के सीईओ प्रवीण मालवीय का कहना है कि हम ग्लोबल डिस्टिलर्स को बल्क माल्ट की सप्लाई कर रहे हैं। लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया इससे कहीं आगे निकल गई है और जबरदस्त है। कंपनी की अगले साल अप्रैल तक माल्ट के 12,000 लीटर प्रति दिन से 20,000 लीटर तक ले जाने की योजना है।

तीन दशक पुरानी कंपनी के पास 2021 में लगभग 28,000 बैरल माल्ट था। यह सात साल से अधिक समय से अपने वेयरहाउस में स्टोर किया गया था। भारत के एक्सट्रीम वेदर में कैस्क व्हिस्की का घर समझे जाने वाले स्कॉटलैंड की तुलना में दोगुनी तेजी से परिपक्व होते हैं। पिकाडिली की व्हिस्की को मास्टर ब्लेंडर सुरिंदर कुमार ने बनाया था, जो अमृत डिस्टिलरीज में काम करते थे।

कैसे हुई शुरुआत -

पिकाडिली ने शुरू में इस व्हिस्की को भारतीयों के लिए चखने के लिए सेशन का आयोजन किया। इसके बाद स्कॉटिश और जापानी पारखियों ने इसका जायका लिया। लोगों की प्रतिक्रिया से उत्साहित कंपनी ने ब्रांड ओल्ड बॉम्बे के अंडर सिंगल माल्ट लॉन्च किया। लेकिन यह चला नहीं। इसके बाद इसका नाम इंद्री रखा गया।

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