Haryana Green Tax: सरकार कंडम वाहन के लिए ला रही नई पॉलिसी, पुराने वाहन होगें कबाड़
Haryana : आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में कंडम वाहनों को बाहर निकालने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके अलावा, आपको बता दें कि सरकार जल्द ही वाहनों पर हरित कर लगाने और वाहन कबाड़ करने की नई नीति लागू कर सकती है।
Vehicle policy in haryana: अब हरियाणा का प्रदूषण कम करने के लिए पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने की योजना है। वाहन कबाड़ नीति भी लागू होगी। यह प्रस्ताव परिवहन विभाग ने बनाया है, जो वीरवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में होने वाली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियम शीतकालीन सत्र में पारित होकर लागू होंगे। पुराने वाहनों से अधिक प्रदूषण होता है। केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद हरियाणा ने भी पुराने परिवहन वाहनों पर हरित कर लगाने का फैसला किया है।
वाहनों के प्रकार और ईंधन के प्रकार के आधार पर हरित कर की दरें अलग-अलग निर्धारित की जाएंगी। यह टैक्स पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट को नवीनीकरण के दौरान लगाया जाएगा। गाड़ी के फिट होने पर रोड टैक्स के साथ हरित कर भी देना होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों को पुराने वाहनों का इस्तेमाल करने से रोक दिया जाए।
फिटनेस सर्टिफिकेट को अपडेट करने के दौरान आपको सिर्फ रोड टैक्स देना होगा। मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव की मंजूरी के बाद ही यह साफ हो जाएगा कि ट्रांसपोर्टर्स को कितने प्रतिशत हरित कर देना चाहिए। रोड टैक्स का 10-25 प्रतिशत हो सकता है। पुराने वाहनों के मालिकों से हरित कर टैक्स वसूला जाएगा, जो पुराने वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने पर खर्च होगा। हरित कर से प्राप्त धन भी अलग खाते में रखा जाएगा।
प्रस्ताव के अनुसार इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार, इथेनाल व एलपीजी जैसे वैकल्पिक ईंधनों पर चलने वाले वाहनों को इस टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा। कृषि में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर को भी इस टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा। राज्य के परिवहन सचिव नवदीप सिंह विर्क ने यह पालिसी तैयार की है।
कबाड़ में जाएंगे ज्यादा पुराने वाहन -
अधिक पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए वाहन कबाड़ नीति का प्रारूप तैयार कर चुकी सरकार अब इसे लागू करने की तैयारी में है। वाहन कबाड़ नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण फैलाने और खराब गुणवत्ता वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल से हटाना है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी नूंह जिले के फतेहपुर गांव में पहले ही नई पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का उद्घाटन कर चुके हैं। पंजीकरण अवधि के अंत में वाहनों को फिटनेस परीक्षण से गुजरना पड़ता है। जहां वाणिज्यिक वाहनों को 10 वर्षों के बाद अनिवार्य परीक्षण की आवश्यकता होती है, वहीं यात्री वाहनों के लिए इसे 15 वर्ष निर्धारित किया गया है।
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