उत्तर प्रदेश में यहां बनाया जाएगा हनुमान कॉरिडोर, बनेंगे 6 द्वार, करोड़ों रुपए होंगे खर्च
Hanuman Corridor In Prayagraj :उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हनुमान कॉरिडोर बनाने का प्लान बनाया जा रहा है। इस कॉरिडोर को प्रयागराज जिले में संगम पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर के पास बनाया जाएगा। कॉरिडोर में कुल छह गेट होंगे और अक्षय वट मंदिर से प्रवेश का रास्ता होगा।
Bade Hanuman Ji Prayagraj : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम में स्थित हनुमान मंदिर को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। पिछले काफी लंबे समय से इस हनुमान कॉरिडोर के निर्माण को लेकर प्रयागराज प्राधिकरण के बीच विवाद का विषय बना हुआ था। कॉरिडोर को निर्माण मैं सी की जमीन आ रही थी, इसके अलावा जिसका समाधान कर लिया गया है। इस हनुमान कॉरिडोर के निर्माण के लिए प्रयागराज प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी है। प्रयागराज में बड़े हनुमान कॉरिडोर बन जाने से आने वाले श्रद्धालु आराम से एक-एक मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। भक्तों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
प्रयागराज में निर्माण हो रे इस हनुमान कॉरिडोर में अक्षय भट्ट मंदिर भी शामिल है, जो भगवान श्री राम से जुड़ा एक प्राचीन स्थल है। इस अक्षय वृक्ष को स्वयं भगवान श्री रामचंद्र जी ने लगाया था। अभी तक इस हनुमान कॉरिडोर के निर्माण के कार्य को लेकर प्रयागराज विकास प्राधिकरण तथा सेना के बीच विवाद का मामला बना हुआ था।
संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इसके लिए 38.18 करोड़ रुपये का टेंडर हुआ है. महाकुंभ को देखते हुए प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने भी इसके निर्माण की अनुमति दे दी. और जल्द ही यहां निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा. प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारी इस कॉरिडोर को लेकर मुआयना भी कर चुके हैं.
संगम तट पर स्थित इस बड़े हनुमान मंदिर की स्थापना कोलकाता के एक व्यापारी द्वारा की गई थी, जो की संतान प्राप्ति को लेकर मां विंध्यवासिनी से प्रार्थना की थी. तब से लेकर इस बड़े हनुमान मंदिर पर संगम पर आने वाले श्रद्धालु स्नान करने के बाद दर्शन करने जरूर जाते हैं. यहां पर प्रत्येक मंगलवार, शनिवार को भक्तों की लंबी कतार लगती है.
इस हनुमान कॉरिडोर में कुल 6 द्वार बनाए जाएंगे, जिसमें प्रवेश अक्षय वट मार्ग से कराया जाएगा. अभी बाध से उतरते ही श्रद्धालु बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं. लेकिन, कॉरिडोर बनने के बाद या बांध का रास्ता निकास द्वार बन जाएगा. बांध से उतरने वाली सड़क सीढ़ीदार बनाई जाएगी, जो सीधे दर्शन करके लौटने वालों के लिए होगी.
इसी के बगल में एक और निकास द्वार होगा, जो शंकर विमान मंडपम वाले रास्ते पर खुलेगा. प्रवेश की व्यवस्था अक्षय वट मार्ग की ओर से की जाएगी. इससे श्रद्धालुओं को त्रिवेणी बांध से उतरकर अक्षय वट मंदिर की ओर जाना होगा. वहीं, मंदिर के पूर्व की दिशा में तीन और द्वारा होंगे.
इस हनुमान कॉरिडोर में लगभग 40 दुकान शामिल की जाएंगी, जहां से पूजा सामग्री और प्रसाद वितरण के लिए समान मिलेगा. यह दुकान हनुमान कॉरिडोर के बाउंड्री पर होगी. अभी प्रसाद की दुकान मंदिर के पश्चिम में किला की दीवार से लगाकर बनाई गई है. वहां से इन दुकानों को हटा दिया जाएगा. मंदिर के गर्भ गिरी को छोड़कर अन्य कार्य पहले चरण में दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. गर्भ ग्रह का निर्माण वर्तमान मंदिर स्थल पर ही महाकुंभ के बाद कराया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर परिसर में परिक्रमा की पूरी जगह भी बनाई जाएगी।