उत्तर प्रदेश में इन 5 एक्सप्रेसवे के किनारे सरकार खरीदेगी जमीन, CM योगी ने दिया पूरा विवरण
Saral Kisan : एक्सप्रेसवे के जरिए प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही अब इनके किनारे औद्योगिक केंद्रों की स्थापना के लिए औद्योगिक गलियारे विकसित किए जाने की योजना पर अमल शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) ने औद्योगिक गलियारे के लिए 30 स्थानों का चयन कर लिया है। यूपीडा प्रदेश में पांच एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारों की स्थापना करेगा।
इनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे एवं गंगा एक्सप्रेसवे शामिल हैं। 5800 हेक्टेयर पर विकसित होने वाले औद्योगिक गलियारों के निर्माण पर करीब सात हजार करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान लगाया गया है।
सीएम योगी को दिया गया विवरण
हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी के समक्ष इन पांचों एक्सप्रेसवेज के किनारे चिह्नित औद्योगिक गलियारों का विवरण प्रस्तुत किया। इसके अनुसार प्रदेश के 12 जिलों को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे पर 11 स्थलों को औद्योगिक गलियारे के लिए चुना गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 1522 हेक्टेयर है। इस पर करीब 2300 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: 1500 करोड़ रुपये का व्यय
इसी तरह, सात जिलों को जोड़ने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे छह स्थलों को चिह्नित किया गया है। इसका प्रस्तावित क्षेत्रफल 1884 हेक्टेयर है और इस पर 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा व्यय का अनुमान है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे: 650 करोड़ का व्यय
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़े 10 जिलों में पांच स्थानों का चयन किया गया है। इसका कुल क्षेत्रफल 532 हेक्टेयर है और इनके विकास पर करीब 650 करोड़ का व्यय अनुमानित है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: 2300 करोड़ व्यय का संभव
नौ जिलों को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक गलियारे के लिए पांच स्थानों का चयन किया गया है, जिसका प्रस्तावित क्षेत्रफल 1586 हेक्टेयर और अनुमानित व्यय 2300 करोड़ होने की संभावना है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: 320 करोड़ व्यय
पांचवां और अंतिम एक्सप्रेसवे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे है। इसके चार जिलों के दो स्थानों को औद्योगिक केंद्रों के लिए चुना गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 345 हेक्टेयर होगा और अनुमानित व्यय 320 करोड़ होने की संभावना है।
108 गांवों को किया गया अधिसूचित
यूपीडा की ओर से चिह्नित सभी 30 स्थलों से जुड़े 108 गांवों को प्रदेश सरकार की ओर से अधिसूचित किया जा चुका है। वहीं, भूमि क्रय के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को 200 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
साथ ही भूमि क्रय के लिए बुंदेलखंड औद्योगिक प्राधिकरण की तर्ज पर 1500 करोड़ रुपये अवमुक्त किए जाने का आदेश भी निर्गत किया जा चुका है। जिला स्तर पर भूमि क्रय के लिए दरों का निर्धारण फिलहाल प्रक्रिया में है।
ये पढ़ें : NCR में इस इलाके के लोगों को झटका, अभी नहीं चलेगी मेट्रो, सरकार ने PMO को सुझाया नया रूट