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राजस्थान में पानी की बर्बादी पर सरकार हुई सख्त, नए नियमों में कट सकता है कनेक्शन

Rajasthan News : पानी के बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना करना नामुमकिन है। देश में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए समय समय पर सरकारी कई जागरूक अभियान भी चलाती है। राजस्थान की भजन लाल सरकार ने प्रदेश में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए अब कड़ा निर्णय लिया है. पानी की बर्बादी पर लगेगा का प्रदेश में अब जुर्माना। 

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राजस्थान में पानी की बर्बादी पर सरकार हुई सख्त, नए नियमों में कट सकता है कनेक्शन

Rajasthan Drinking Water News : इस धरती पर जल के बिना जीवन संभव नहीं है. आपने कहावत तो सुनी ही होगी जल है तो जीवन है. राजस्थान में अब पानी की बर्बादी को लेकर भजन लाल सरकार ने सख्त कदम उठाया है। राजस्थान का एक बहुत बड़ा इलाका मौजूदा समय में भी पीने के पानी की समस्या को लेकर जूझ रहा है। राजस्थान में सरकार की तरफ से किए गए तमाम प्रयासों के बाद भी जल संकट की समस्या का समाधान नहीं हो सका। 

प्रदेश में पेयजल की बर्बादी और आपूर्ति की समस्या के चलते कुछ जगहों पर समस्याएं बहुत देखने को मिलती है। राजस्थान की भजन लाल सरकार ने अब इसको लेकर सख्त कदम उठाए हैं. प्रदेश में जलदाय विभाग की तरफ से सत्य निर्देश जारी किए गए हैं। राजस्थान में अब भजन लाल सरकार ने पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाने का फैसला किया है। 

पहली बार लिया गया बड़ा फैसला 

पहली बार राजस्थान में सरकार अपने की बर्बादी को लेकर सख्त नजर आ रही है। प्रदेश में अब घरेलू उपयोग के पानी का व्यवसायिक प्रयोग करने पर रोक लगा दी गई है। अब प्रदेश में जो भी पानी की बर्बादी करेगा उसे पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. प्रदेश में अब घरेलू या व्यावसायिक पेयजल कनेक्शन में अगर लीकेज पाया गया तो पहली बार ₹1000 का जमाने का प्रावधान किया गया है।

PCHD के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। ये आदेश राजस्थान जलापूर्ति एंड सीवरेज अधिनियम के तहत जारी किए गए हैं। अब पेयजल कनेक्शन में लीकेज मिलने पर पहली बार एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। लीकेज पेयजल कनेक्शन धारक को ही इसकी जांच करनी होगी। एक से अधिक बार लीकेज मिलने पर पेयजल कनेक्शन काट दिया जाता है।

व्यावसायिक उपयोग पर लगा प्रतिबंधित

इन आदेशों में पेयजल का व्यावसायिक उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। बता दे की प्रदेश में पांच जुलाई से ये आदेश लागू हो गए हैं। राजस्थान में पानी की सुरक्षा को लेकर ऐसा पहला प्रयास किया गया है। राजस्थान में बहुत से क्षेत्र डार्क जोन में आ चुके हैं। गर्मी के मौसम में राजस्थान में पेयजल के लिए कोहराम मच जाता है। हालाँकि, बहुत से शहरों में पानी पांच से सात दिनों में मिल जाता है। गर्मियों में पाली में पेयजल के लिए वाटर ट्रेन चलाना पड़ता है।

पीने का पानी की समस्या

राजस्थान में पेयजल संकट एक बड़ी समस्या है। राजस्थान के कई इलाकों में आज भी लोगों को कई किलोमीटर दूर पीने का पानी लाना पड़ता है, हालांकि वर्षों की मेहनत के बावजूद। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत अब हर घर में नलकूप बनाया जा रहा है। लेकिन आज भी पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों में बहुत कम पानी है। वहीं गांवों और शहरों में पेयजल बर्बाद होता है। गर्मियों में प्रदेश में हजारों गांवों और ढाणियों में टैंकरों से पेयजल मिलता है।


 

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