ट्रेन में सफर करने वालों के लिए खुशखबरी, रेल मंत्री का नया मास्टर प्लान
Indian Railways: लंबी दूरी पर ट्रेन सबसे अच्छा विकल्प है। यही कारण है कि ट्रेन टिकट बुकिंग में अक्सर वेटिंग लिस्ट की समस्या होती है। साथ ही, आपके लिए महत्वपूर्ण सूचना है कि अब आपको इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा...
Indian Railways: यदि आपने ट्रेन से यात्रा की है तो शायद आपको वेटिंग लिस्ट की समस्या हुई होगी। रेलवे की वेटिंग लिस्ट एक महत्वपूर्ण समस्या है। इसका समाधान अब मिल गया है। रेलवे मंत्रालय एक मेगा योजना बना रहा है। योजना पूरी तरह से लागू होने के बाद रेलवे से जुड़े कई मुद्दे फिर से चर्चा में आ जाएंगे। इस योजना में ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट को भी समाप्त करना शामिल है। आइये आपको बताते हैं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के मेगा प्लान पर क्या कहा।
2029 तक वेटिंग लिस्ट खत्म हो जाएगी—
बुधवार को रेलवे के मेगा प्लान पर बोलते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्वण ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए कई योजनाएं जल्द ही पूरी हो जाएंगी। उन्हें हादसों को कम करने के लिए कवच प्रणाली, ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और बुलेट ट्रेन की शुरुआत सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई। साथ ही, उन्होंने कहा कि ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट 2029 तक खत्म हो जाएगी।
मेगा ट्रेन योजना—
वैष्णव के बयान से कुछ दिन पहले सूत्रों ने बताया कि रेलवे वेटिंग लिस्ट को खत्म करने के लिए ट्रेनों की संख्या बहुत बढ़ाने की योजना बना रहा है। खबर में कहा गया था कि भारतीय रेलवे अगले पांच सालों में 3,000 और यात्री ट्रेनें जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे वेटिंग लिस्ट कम हो जाएगी। रेल मंत्री ने बुधवार को जारी किए गए बयान में ट्रेनों की संख्या नहीं बताई गई। लेकिन उन्होंने 2029 तक ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट को खत्म करने की घोषणा करनी चाहिए थी।
कवच पर जोरदार काम -
रेल मंत्री ने भी कहा कि 2026 में बुलेट ट्रेन शुरू होंगे। अगले वर्ष रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए दिल्ली-कोलकाता और दिल्ली-मुंबई मार्गों पर कवच प्रणाली का निर्माण पूरा हो जाएगा। गजराज तकनीक से ट्रैक पर आने वाले हाथियों को बचाया जाएगा। इसके लिए गजराज तकनीक को 8 राज्यों के 700 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर लगाया जा रहा है।
2024 तक भारत में स्लीपर कोचों को वंदे-
रेल मंत्री ने बताया कि देश में पिछले साल 5243 किलोमीटर रेल ट्रैक बनाए गए। इस साल 5500 किलोमीटर से 6 हजार किलोमीटर तक की लंबी सड़कें बनाई जाएंगी। रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए 2016 में पहली बार कवच का उपयोग किया गया था, उन्होंने कहा। इसके बाद कवच का नवीनतम संस्करण आया। 2022 में इसका लगाना शुरू हुआ। साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत में मार्च 2024 तक पहली स्लीपर वंदे आ जाएगी।
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