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वाराणसी में गंगा का जलस्तर 62.6 मीटर पहुंचा, बढ़ाई गई निगरानी, अलर्ट पर पुलिस

Varanasi News : यूपी के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गया है। नदी का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन द्वारा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि को देखते हुए इस पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
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वाराणसी में गंगा का जलस्तर 62.6 मीटर पहुंचा, बढ़ाई गई निगरानी, अलर्ट पर पुलिस

Uttar Pradesh : यूपी के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गया है। नदी का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से लगातार बढ़ता जा रहा है। आपको बता दें कि सोमवार की सुबह 8:00 बजे गंगा का जलस्तर 62.6 मीटर की औसत से रिकॉर्ड किया गया। प्रशासन द्वारा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि को देखते हुए इस पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

नजदीकी राज्यों में बारिश होने का दिखा, असर

इस दौरान यूपी बिहार और मध्य प्रदेश में हो रही लगातार बारिश का असर धर्म की नगरी काशी में देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से गांठ के किनारे पर रहने वाले लोगों में चिंता का माहौल देखने को मिल रहा है। इस लगातार बढ़ते जल 70 के कारण घाट के किनारे पर दर्जनों मंदिर गंगा के पानी में डूब गए हैं। इसलिए मंदिरों के जल मग्न होने की वजह से पूजा पाठ में भी बाधा उत्पन्न हो गई है।

घाटों के पुरोहितों ने बदला, अपना स्थान

इसकी वजह से घाट के किनारे पर पूजा पाठ करने वाले पुरोहितों ने भी अपने चौकिया के स्थान बदलने शुरू कर दिए हैं। इसके बारे में स्थानीय पुरोहित बलराम ने बताते हुए कहा कि गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण व्यवस्थाओं में बदलाव किया जा रहा है। इसके अलावा चौकिया को नीचे की सीढ़िया से अब ऊपर की ओर ले जाया जा रहा है जिससे धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण करवाया जा सके।

घाटों का टूट गया, संपर्क

वाराणसी में स्थित कुछ घाट ऐसे भी हैं, जिनकी दर्जनों सीढ़ियां भी जल मग्न हो गई है। इस दौरान अस्सी घाट के सीढ़ियों के नीचे जमीन की मिट्टी भी पानी में डूब चुकी है और इसी के साथ कई घाटों का संपर्क मार्ग भी टूट गया है। इसी के साथ आपको बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर 62.6 मीटर दर्ज किया गया है। जबकि खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है।

 छोटी नावों को चलाने पर लगी, रोक

 इस दौरान जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव ने कहा कि लगातार तेजी से हो रही गंगा के जल सत्र में वृद्धि के कारण छोटी नाव को चलाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा बड़ी नाव के संचालन का समय सुबह 5 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक निश्चित कर दिया गया है। इसी के साथ, महत्वपूर्ण घाटों पर जल पुलिस की टीमों को तैनात किया गया है।

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