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उत्तरप्रदेश में 4 जिलों की जमीनों से निकलेगा फोरलेन हाईवे, 96 गांवों होंगे मालामाल

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूतन करने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुधारना और किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। योगी सरकार ने पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के एक और बड़े परियोजना से उत्तर प्रदेश के चार जिलों की पांच तहसीलों में 96 गांवों के किसानों का जीवन बदलेगा।

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उत्तरप्रदेश में 4 जिलों की जमीनों से निकलेगा फोरलेन हाईवे, 96 गांवों होंगे मालामाल

Uttar Pradesh News : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ बदलाव किया है, जिसका सीधा फायदा गांवों, किसानों और छोटे शहरों को मिल रहा है। इन प्रयासों से अब एक नया बड़ा सड़क निर्माण जुड़ रहा है, जो चार जिलों की पांच तहसीलों के 96 गांवों की छवि और रूप को बदलेगा। कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे एक सौभाग्यपूर्ण खबर है। बरई-कानपुर ग्रीन हाईवे की डीपीआर सरकार ने मंजूरी दी है। इसके बाद, कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे की योजना बनाई जाती है। ग्रीन हाईवे कानपुर से कबरई तक लगभग 112 किलोमीटर का होगा। इसके निर्माण के लिए लगभग 3700 करोड़ रुपये का अनुमान है। 

डीपीआर स्वीकृत 

केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित राजमार्ग परियोजना को पूरी तरह से सपोर्ट करेगी। योजना के तेजी से आगे बढ़ने की दिशा में, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को मंजूरी दी है।

96 गाँवों से गुजरेगा फोरलेन हाईवे

कबरई ग्रीन हाईवे, जो कानपुर से शुरू होगा, 96 गांवों को पार करेगा, जो फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों में हैं।  इससे कानपुर-सागर राजमार्ग पर वाहनों की लोड कम होगी। यह कहा गया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की इसे एक ग्रीन हाईवे बनाया जाएगा। 2021 में, केंद्र सरकार ने महोबा जिले के कबरई से कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग के बराबर एक ग्रीन राजमार्ग बनाने का निर्णय लिया। 

फोर लेन रोड 

यह राजमार्ग महोबा से मध्य प्रदेश की सीमा पार कर भोपाल से मुंबई को जोड़ेगा। ग्रीन हाईवे का डीपीआर बनाना हैदराबाद की एक कंपनी की जिम्मेदारी है। मौजूदा समय में कानपुर-कबरई के बीच हाईवे 34 से आवागमन हो रहा है. यह हाईवे खूनी हाईवे के रूप में पहचान बना चुका है. दैनिक रूप से इस हाईवे पर कोई डिवाइडर नहीं होने से हादसे होते हैं। ग्रीन हाईवे पर कई सिक्स लेन पुल और फ्लाईओवर होंगे। जबकि सड़क फोर लेन होगी। यह कानपुर से भोपाल तक तीन चरणों में बनाया जाएगा। NHAI भी रिंग रोड से इस सड़क को जोड़ रहा है। मगरसा से घाटमपुर रोड पर कानपुर में शुरू होगा। इसके बावजूद, रिंग रोड अस्तित्व में है। 

रिंग रोड से जुड़ जाएगा 

रिंग रोड उन्नाव के आटा को मंधना-सचेंडी, रमईपुर और रूमा से जोड़ेगा।  रिंग रोड से भोपाल से कानपुर जाने पर प्रयागराज, बनारस, लखनऊ, अलीगढ़, दिल्ली, कन्नौज, फर्रुखाबाद भी जा सकेगा। यह ग्रीन हाईवे, जो कानपुर से कबरई तक बनाया जाएगा, शहरी इलाकों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों को जोडेगा। 

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