उत्तरप्रदेश में 33 गांवों की जमीनों से निकलेगा 4 लेन हाईवे, जल्द कर सकेंगे सफर
UP News : यह हाईव, जो उत्तर प्रदेश के दो जिलों बीच 217 किलोमीटर लंबा है, राज्य की परिवहन कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला है। इससे राजमार्ग का निर्माण चार चरणों में होगा। इस परियोजना के लिए 33 गांवों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में परिवहन और सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नया हाईवे, जो राज्य के दो प्रमुख जिलों के बीच 217 किलोमीटर लंबा होगा, आवागमन को आसान बनाएगा और राज्य के आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास को तेज करेगा। 217 किलोमीटर लंबा बरेली-मथुरा हाईवे नाथनगरी और मथुरा को चार चरणों में जोड़ेगा। मार्गों में बहुत सुधार हुआ है। यदि सब कुछ ठीक होता है, तो इसका निर्माण इसी वर्ष दिसंबर तक शुरू हो जाएगा।
33 गांवों की भूमि का अधिग्रहण
उत्तर प्रदेश में एक नई 217 किलोमीटर लंबी हाईवे परियोजना की योजना बनाई गई है, जो राज्य के दो जिलों को जोड़ते हुए परिवहन कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह परियोजना चार चरणों में पूरी की जाएगी और इसके लिए 33 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। पहले मथुरा से हाथरस, फिर हाथरस से कासगंज, फिर कासगंज से बदायूं और फिर बदायूं से बरेली बनाए जाएंगे। इस राजमार्ग का पहला चरण मथुरा से हाथरस तक पूरा हो चुका है। पीएनसी इंफ्रा (PNC Infra) भी पहले चरण में काम कर रहा है। साथ ही हाथरस से कासगंज और कासगंज से बदायूं जाना होगा। जिस पर काम शुरू हो चुका है। दूसरे और तीसरे चरण में GRC Infra काम कर रहा है।
चौथे पैकेज में बदायूं-बरेली राजमार्ग की स्थापना
चौथे पैकेज में बदायूं और बरेली के बीच निर्माण किया जाएगा। कुल मिलाकर 38.5 किलोमीटर है। धारीवाल कंस्ट्रक्शन, हरियाणा, चौथे चरण में काम करेगा। कंपनी इस पैकेज पर काम करने लगेगी जब 80 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण हो जाएगी। 33 गांवों को जमीन मिलेगी। 29 गांवों में यह काम अभी तक पूरा हुआ है। जबकि बाकी चार में अधिग्रहण चल रहा है। जमीन का अधिग्रहण करने में लगभग पांच महीने लगेंगे।
कब तक समाप्त होने की उम्मीद है?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस महीने के आखिरी तक चुने गए फर्म से समझौता हो जाएगा। इसके बाद काम शुरू करने के लिए पांच महीने का समय मिलेगा। यह कार्य लगभग दो वर्ष में पूरा हो जाएगा। हाईवे बनने के बाद बरेली से मथुरा की दूरी कम हो जाएगी। शहरों में जाम की समस्या को दूर करने के लिए अंडरपास और ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। बरेली और मथुरा के बीच की दूरी भी कम हो जाएगी।