उत्तर प्रदेश के इस शहर में लगेगा पानी पर तैरता हुआ सोलर प्लांट, मिलेगी 160 मेगावाट बिजली
UP News : उत्तर प्रदेश में तालाब पर तैरने वाला सोलर प्लांट लगाकर नया इतिहास बनाया है। सूर्य से आने वाली तेज गर्मी को अब प्रदेश में पॉजिटिव तरीके से प्रयोग किया जाएगा। प्रदेश में बिजली पैदावार में नई क्रांति आने वाली है। इसको लेकर प्रदेश में अनोखी पहल शुरू कर दी गई है।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में एक अनोखी पहल के चलते अब तैरते हुए सोलर पैनल से बिजली पैदावार की जाएगी। उत्तर प्रदेश में बहुत महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से 160 मेगावाट बिजली पैदावार की जाएगी। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के तीनों बांध माताटीला बांध जमीनी बंद और अर्जुन सागर बांध भारत तैरती सोलर पैनल के जरिए बिजली उत्पादन किया जाएगा। प्रदेश में इस परियोजना के जरिए न सिर्फ बिजली समस्या खत्म होगी बल्कि देश में सौर ऊर्जा के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा
बुंदेलखंड क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है। सोलर प्लांट अभी भी जमीन पर बनाए जाते हैं, जो बड़ी जमीन की आवश्यकता होती है। तैरते सोलर पैनल, क्योंकि वे पानी की सतह पर स्थापित किए जाते हैं, भूमि का उपयोग कम करते हैं।
उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा को बहुत बढ़ावा दिया जा रहा है। अब बुंदेलखंड में सूर्य की तपिश का लाभ उठाया जाएगा। बुंदेलखंड क्षेत्र के तीन बांधों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। तीनों सोलर पैनल इससे बिजली बनाएंगे। इन बांधों का सर्वेक्षण नेडा कर रहा है। तीनों बांधों से कुल 160 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी। बुंदेलखंड में सौर उर्जा का विस्तार हो रहा है। गरौठा में एक सोलर पार्क इसके लिए बनाया जा रहा है। जमीन पर सोलर प्लांट लगाने के बाद, अब बुंदेलखंड के बड़े बांधों पर तैरने वाले सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई गई है।
बिजली का उत्पादन
इस परियोजना का लक्ष्य माताटीला बांध से 100 मेगावाट, जामनी बांध से 10 मेगावाट और अर्जुन सागर बांध से 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन करना है। सिंचाई विभाग और नेडा (नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) इस परियोजना पर मिलकर काम कर रहे हैं।
बुंदेलखंड के अर्जुन सागर बांध, जामनी बांध और माताटीला बांध इसके लिए चुने गए हैं। माताटीला बांध करीब आठ एकड़ का क्षेत्रफल है। यहाँ टुस्को और टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन मिलकर सोलर पैनल लगाएंगे। इसके लिए नेडा और सिंचाई विभाग सर्वे कर रहे हैं। बुंदेलखंड के बांधों का वेग जलस्तर के साथ बढ़ता जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सोलर पैनल लगाए जाएंगे जो बारिश से बच सकते हैं। यह दिन भर बांध के ऊपर तैरते रहेगा। इस प्रोजेफ्ट की डीपीआर बनाई जा रही है।