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मध्य प्रदेश में बनकर तैयार हुआ पानी पर तैरता हुआ सोलर प्लांट, करेगा 19 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन

​Floating Solar Project : राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा की ओंकारेश्वर की ‘तैरती सौर परियोजना’, आठ अगस्त को शुरू कर दी गई है। प्रशासन द्वारा ओंकारेश्वर में मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर ऊर्जा परियोजना को शुरू कर दिया गया है, जोकि 90 मेगावाट बिजली को उत्पादित करके राज्य के आमजन को देने का काम करेगी।
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मध्य प्रदेश में बनकर तैयार हुआ पानी पर तैरता हुआ सोलर प्लांट, करेगा 19 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश सरकार ने लोगों को एक बड़ी सुविधा देने की तरफ कदम बढ़ाया है, इसके अंतर्गत वातावरण को दूषित करने वाली गैसों मैं कमी आने के साथ-साथ इस परियोजना से बिजली का भी बड़ा उत्पादन किया जाएगा। प्रशासन द्वारा ओंकारेश्वर में मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर ऊर्जा परियोजना को शुरू कर दिया गया है, जोकि 90 मेगावाट बिजली को उत्पादित करके राज्य के आमजन को देने का काम करेगी।

राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा की ओंकारेश्वर की ‘तैरती सौर परियोजना’, आठ अगस्त को शुरू कर दी गई है। राकेश शुक्ला ने बताया कि केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस परियोजना को तैयार करने में सहायता प्रदान की है। साथ ही, यह मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से एक है और भारत का सबसे बड़ा सौर पार्क भी है।

कार्बन उत्सर्जन में आएगी, कमी

राकेश शुक्ला ने बताया कि इस परियोजना के शुरू होते ही पहले साल में 19.65 करोड़ यूनिट और अगले वर्ष 2025 में 462.93 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादित होने की उम्मीद जताई गई है। मंत्री ने बताया कि परियोजना शुरू होने के बाद कार्बन उत्सर्जन में 2.3 लाख टन की कमी होगी और साल 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य किया जा सकेगा, इसमें केंद्र सरकार के इस मिशन का बहुत बड़ा योगदान होगा।

ग्रीन एनर्जी की ओर एक कदम

नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि एसजेवीएन (SJVN) की सहायक कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (SGEL) इस परियोजना को नियंत्रित करेगी। उन्हें बताया कि परियोजना शुरू होने पर एसजेवीएन की कुल स्थापित क्षमता 2466.50 मेगावाट हो गई है।

3.26 रुपये प्रति यूनिट होंगे, रेट

नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि  यह परियोजना जलवाष्पीकरण को कम करने और जल संरक्षण में भी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि योजना को 25 वर्षों के लिए प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली के माध्यम से विकसित किया गया था, जिसमें "निर्माण, अधिग्रहण और परिचालन" (BOO) का मूल्य 3.26 रुपये प्रति यूनिट रखा गया है। इसका अर्थ है कि बोली लगाकर बिजली खरीदने वाली कंपनी को यहाँ पर प्लांट बिजली को 3 रुपए 26 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से आवंटित करेगा। इसके अलावा आपको बता दें कि ओंकारेश्वर बांध में तैरता ऊर्जा संयंत्र को बना दिया गया है।

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