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धान, गेहूं छोड़ इन चीजों की खेती से होगी किसानों को मोटी कमाई, यहां हुई शुरू

डॉ. महेश कुमार ने बताया कि सब्जियां किसानों को धान, गेहूं और गन्ने से अधिक पैसा दे सकती हैं। बेलदार सब्जियों की खेती.... जानिए विस्तार से 

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धान, गेहूं छोड़ इन चीजों की खेती से होगी किसानों को मोटी कमाई, यहां हुई शुरू 

The Chopal, UP News: किसानों को धान, गेहूं और गन्ने की परंपरागत खेती के अलावा सब्जियां उगाकर भी लाभ मिल सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बेलदार सब्जियां अब फरवरी महीने में उगाई जा सकती हैं। बेलदार सब्जियों से अच्छा पैसा बनाना चाहते हैं तो अभी से नर्सरी बनानी चाहिए। ताकि इनको कम समय में बनाकर अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सके।

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. महेश कुमार ने बताया कि किसान कम जमीन पर भी सब्ज़ियां उगाकर अच्छा मुनाफा पा सकते हैं। लेकिन सब्जियों की खेती परंपरागत लीक से हटकर की जाए तो मुनाफा कई गुना अधिक होगा। डॉ. महेश कुमार ने बताया कि फरवरी में कद्दू, लौकी, तुरोई, करेला, तरबूज, खीरा, ककड़ी और टिंडा उगाया जाता है।

डॉ. महेश कुमार ने कहा कि किसानों को सब्जियों की खेती करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए अगर वे अच्छा मुनाफा चाहते हैं। किसानों को समय पर सब्जियां तैयार करने से अधिक मुनाफा मिलेगा। डॉ. महेश कुमार ने बताया कि अगर किसान बेलदार सब्जियों की नर्सरी को अभी से तैयार कर लें, तो उन्हें खेत में तापमान कम होते ही स्थानांतरित कर दें, तो सब्जियां जल्दी तैयार हो जाएंगी।

नर्सरी को इस तरह तैयार करें

डॉ. महेश कुमार ने बताया कि किसानों को नर्सरी बनाने से पहले प्रो ट्रे खरीदना होगा। जो बाजार में आसानी से उपलब्ध होगा। बाद में, वर्मी कंपोस्ट, बालू और कोकोपिट को बराबर भाग में मिलाकर प्रो ट्रे भरना होगा। अब सब्जियों के बीज को ट्रे में बने ब्लॉक में डाल देना चाहिए। समय-समय पर नमी बनाए रखने के लिए पानी देते रहें। किसानों को नर्सरी तैयार करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बीज को शोध कर ही ट्रे में डालें। बीज को खोजने के लिए दो ग्राम कारबेंडाजिम (Carbendazim) का इस्तेमाल करें। बीजों को खोजकर उनका उपयोग करने से पौधों में बीमारी नहीं होगी और अधिक उत्पादन मिलेगा।

खेत में रोपाई कैसे करें

डॉ. महेश कुमार ने बताया कि ट्रे में लगाई गई नर्सरी एक महीने में तैयार हो जाएगी। किसान इसे निकालकर खेतों में रख सकते हैं जैसे ही तापमान में कुछ गिरावट आती है। ऐसा करने से किसानों को समय पर उत्पादन मिलेगा और सब्जियों की बेल जल्द तैयार हो जाएंगी। जिससे किसानों को अधिक पैसा मिलेगा।

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