Bihar में एक्सप्रेसवे के लिए चिह्नित की गई जमीन पर किसान ना करें धान की खेती
अंबा : देश के सभी शहरों को आपस में जोड़ने के लिए और यात्राओं को कम समय में आसान बनाने के लिए कई एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें से एक कोलकाता-वाराणसी तक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है. यह 619 किलोमीटर की लंबाई का एक्सप्रेस वे चार राज्यों को आपस में जोड़ेगा. इसका 159 किलोमीटर हिस्सा बिहार में बनेगा.
कोलकाता-वाराणसी ग्रीनफील्ड 6 लेन एक्सप्रेसवे के लिए है बिहार में 136. 7 किलोमीटर जमीन चिन्हित कर ली गई है. इसके फेज-1 के निर्माण के लिए 1371 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. बिहार के अंबा में कई स्थानों पर एक्सप्रेस वे के लिए चयनित की गई भूमि पर किसान धान की खेती कर रहे हैं. जो महंगी पड़ सकती है.
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी
सीओ चंद्र प्रकाश ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर कुटुंबा प्रखंड के 32 गांव के प्रभावित किसानों को सड़क निर्माण के लिए चिह्नित की गई भूमि पर धान की खेती नहीं करने को कहा गया है. महसू, जोड़ापर, करमडीह, परसा, देवरिया, रामपुर, रसोइया, झरहा, बरौली, कठरी, चकुआ, जगदीशपुर, नरेंद्र खाप तमसी, पिपरा, बरहेता, बसौरा, एरका, धनीबार, देशपुर, बलिया, भखरा, बलिया, सोनवर्षा, पतिला, भलुआड़ी कला, मझौली, दरियापुर, सिंघना और डुमरी इत्यादि इन गांव से एक्सप्रेसवे गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
अभी मानसून का सीजन चल रहा है. यह बरसाती सीजन के बीत जाने के बाद कार्य में तेजी आ जाएगी. ऐसे में चिह्नित की गई भूमि पर धान की खेती करना सही नहीं है. कोलकाता-वाराणसी एक्सप्रेसवे बिहार के चार जिलों से गुजर कर झारखंड में दाखिल होगा. यहां से 5 जिलों को पार करते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा. यह एक्सप्रेसवे भारतमाला सड़क परियोजना के तहत बनाया जा रहा है.