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उत्तर प्रदेश के इन 84 गांवों के किसान खेती छोड़ बनेंगे बिजनेसमैन

UP News - आपको बता दें कि न्यू नोएडा को दिल्ली का प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर संस्थान बना रहा है। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि बुलंदशहर और गौतम बुद्ध नगर के 84 गांवों पर न्यू नोएडा की नींव रखी जाएगी। सभी गांव गौतम बुद्ध नगर की दादरी तहसील और बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील में आते हैं।

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Farmers of these 84 villages of Uttar Pradesh will leave farming and become businessmen.

Saral Kisan News : यूपी के 84 गांवों में जल्द ही खेती बंद हो जाएगी। यहां तक कि डेयरी और पशुपालन भी नहीं रहेंगे। गांवों में बने छोटे-बड़े सभी घर भी जमीदोज होंगे। किसानों को गांवों को छोड़कर कहीं और बसना होगा। गांव के युवा भी बिजनेसमैन नहीं किसान कहलाएंगे।

इन सभी गांवों को दिल्ली-एनसीआर की सीमा पर स्थित है। गांवों की जगह जल्द ही एक सुंदर शहर ले लेगा। साथ ही, इस शहर को दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) कहा जाएगा। लेकिन आम जनता के लिए इसे न्यूग नोएडा भी कहा जाएगा। 

जानकारों की मानें तो दिल्ली का स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एण्ड आर्किटेक्चर संस्थान न्यू नोएडा को डिजाइन कर रहा है. नोएडा अथॉरिटी से जुड़े जानकारों की मानें तो न्यू‍ नोएडा की बुनियाद बुलंदशहर और गौतम बुद्ध नगर के 84 गांवों पर रखी जाएगी. सभी गांव बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील और गौतम बुद्ध नगर की दादरी तहसील के हैं. गौरतलब रहे न्यू नोएडा के प्रस्ताव पर यूपी के राज्यपाल की भी मुहर लग चुकी है. 

लैण्डपूलिंग से न्यू नोएडा में बिजनेसमैन बनेंगे किसान -

जानकारों की मानें तो न्यू नोएडा में किसानों को भी कारोबार करने का मौका मिलेगा. न्यू नोएडा के लिए गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर के 84 गांवों के किसानों की जमीन ली जाएगी. किसानों की जमीन लैण्डपूलिंग योजना के तहत ली जाएगी. जिसका मतलब ये होगा कि जिन किसानों की जमीन ली जाएगी उन्हें शहर विकसित करने के बाद 25 फीसद जमीन वापस कर दी जाएगी. इसे किसान बिल्डर और कंपनियों को बेच सकेंगे या खुद भी उस जमीन पर बिजनेस कर सकेंगे. 

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर-एसईजेड को मिलेगा मौका -

न्यू नोएडा के प्लान में दो चीजें बहुत ही महत्वापूर्ण होंगी. पहला तो दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और दूसरा स्पेशल इकनोमिक जोन (एसईजेड). एसईजेड की खास बात ये रहेगी कि इसमे इंडस्ट्रियल यूनिट, इंडस्ट्रियल एस्टेट्स, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी, आईटीएस और बायोटेक जोन, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज हब, लॉजिस्टिक हब और इंटिग्रेटेड टाउनशिप को इस योजना में मौका दिया जाएगा. साथ ही यहां दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बसाया जाएगा. भारत और जापान ने इसे मिलकर कॉरिडोर को बसाने का प्लान तैयार किया है. यह कॉरिडोर सात स्टेट दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, पश्चिमी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के इन्दौर से होकर गुजरेगा. 

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ये होंगे न्यू नोएडा में शामिल गौतमबुद्ध नगर के गांव-

बेरंगपुर उर्फ नई बस्ती, फजलपुर, चंद्रावल, चीरसी, फूलपुर, रघुनाथपुर पार्ट, चीती, छयासा, दयानगर, देवटा, खण्डेरा गिरजापुर, कोट, मिल्क खण्डेरा, नगला चमरू, नगला चीती, नगला नैनसुख, आनंदपुर, बील अकबरपुर, राजपुर कलां और शाहपुर खुर्द गांव शामिल है.

बुलंदशहर के ये गांव होंगे शामिल-

खैरपुर तिला, लौथर, लुहाकर, महिपा जागीर, किशनपुर, कोनाडु, नैथला हसनपुर, मोहिद्दीनपुर नगला, मेहताब नगर, मलहपुर, मसौता, मोरादाबाद, नगला बड़ौदा, नगला शेख, अगराई, आशादेवी उर्फ पूरणगढ़, आसफपुर, बडौदा, भराना, भटोला, भौखेड़ा, बिरौंदी फौलादपुर, बिरौंदा ताजपुर, बिस्वाना, बोड़ा, बुटाना, चंद्रावली, चोला, दीनौल, धरौड, धमेड़ा नारा, धीमरी ऐदलपुर, दूल्हेरा, फरीदपुर, हृदयपुर, जोखाबाद, जोली, काहीरा, कैथरा, कनवाड़ा, कौराली, नेकमपुर उर्फ बिशनपुर, निजामपुर, पचौता, पीर बियाबानी, राजारामपुर, राजपुर खुर्द, रूपवास पंचगई, सब्दलपुर, सैंथली, सराय घासी, सेनवाली, शाहपुर कला, सिखेड़ा, सुतारी, तालाबपुर उर्फ कनकपुर,  गोपालपुर, हसनपुर जागीर, उमरा और लाबबाया गांव शामिल होंगे.

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