खराब सिबिल स्कोर पर भी दिल देते हैं लोन, चल रहा था पूरा खेल
सिबिल स्कोर खराब होने पर लोगों को लोन कैसे मिलेगा, इसकी चिंता परेशान करती है। ऐसे में नोएडा का एक रैकेट लोगों के जाली आधार कार्ड और पैन कार्ड बनावाकर बैंक से लोन दिलाने का दावा करता है। नोएडा पुलिस ने गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
Saral Kisan : आपको बता द की सेक्टर-63 थाना पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर आधार कार्ड बनाने वाला एक रैकेट गिरफ्तार किया है। इस मामले में सात आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। ये फर्जी आधार कार्ड उन लोगों के लिए बनाए गए थे जिनका बैंक में लेनदेन का बुरा रिकॉर्ड था, या सिबिल। बैंक सिबिल स्कोर कम होने पर लोन नहीं देंगे। आरोपी भी फर्जीवाड़ा करते थे, नाम में बदलाव करते थे और दूसरे पते पर बनाए गए आधार कार्ड से लोन लेते थे। इस संगठन की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है।
पुलिस कार्रवाई की जानकारी थाना प्रभारी सेक्टर-63 अमित मान ने दी। थाना प्रभारी ने बताया कि सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति के पास उसके ही नाम के दो अलग-अलग आधार कार्ड हैं। इस सूचना पर पड़ताल कर ये रैकेट पकड़ा गया। आरोपियों की पहचान दीपक कुमार निवासी सेक्टर-22, विशाल सिंह निवासी गाजियाबाद, अतुल गुप्ता निवासी खोड़ा, मनीष कुमार निवासी मुजफ्फरनगर, शिवेन्द्र सिंह निवासी सेक्टर 22 नोएडा, मोहित कुमार निवासी दिल्ली,मोहम्मद चांद निवासी सेक्टर 9 नोएडा के रूप में हुई है।
20 हजार में देते थे फर्जी आधार कार्ड
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों में को फोटो कॉपी तो कोई फोटो स्टूडियो या साइबर कैफे का काम करता था। ये उन लोगों को तलाशते थे, जिनका सिबिल खराब होता था। फिर फर्जीवाड़ा कर आधार कार्ड तैयार कर देते थे। नाम में थोड़ा बदलाव करते थे। फोटो वही रहती थी। इसके बदलते 10 से 20 हजार रुपये तक लेते थे। फर्जीवाड़ा कर तैयार किए गए आधार कार्ड से दूसरा पैन कार्ड भी आरोपी बनवा लेते थे। इनके कब्जे से एक लैपटॉप, एक सीपीयू, फिंगर प्रिंट स्कैनर, आई स्कैनर, वेब कैमरा, कई फर्जीवाड़ा कर तैयार किए गए आधार कार्ड, 15 पैन कार्ड, 1 सिलिकॉन अंगूठा, 2 बााइक समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। कार और बाइक लोन के अलावा लोन पर फोन लेने वालों के लिए भी फर्जीवाड़ा करते थे।
पैर की उंगली करते थे स्कैन
पुलिस के मुताबिक, फर्जी आधार कार्ड तैयार करने के लिए आरोपी हाथ की एक उंगली और बाकी पैरों की 9 उंगलियां स्कैन कर लेते थे। वहीं, रेटिना मशीन को उलटा कर लेते थे। आरोपियों ने आधार कार्ड बनाने को यूआईडीएआई साइट का एक्सेस दिल्ली में किसी से हासिल किया हुआ था।
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