UP के इस शहर में हुआ अतिक्रमण, जेई और लेखपाल की हो जाएगी सेवा समाप्त
Noida:ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने स्पष्ट किया कि किसी भी अवैध अतिक्रमण पर लेखपाल और जेई उत्तरदायी होंगे।
Saral Kisan : शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को रोकने के लिए अब नोएडा अथॉरिटी सख्ती अपनाएगी। यह अथॉरिटी से ही शुरू होगा। अवैध निर्माण और अतिक्रमण को जमीनी स्तर पर लेखपाल और जेई की जिम्मेदारी होती है। इनके अलग-अलग हिस्से अलग-अलग हैं। अब अवैध निर्माण या अतिक्रमण होने पर अथॉरिटी ही जेई और लेखपाल की सेवाएं समाप्त करेगी। यही नहीं, वर्क सर्कल के प्रभारी सीनियर मैनेजर से लेकर तहसीलदार तक सख्त कार्रवाई की जाएगी। अथॉरिटी के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने यह आदेश जारी किया है।
सीईओ ने खुद शहर में जाकर अवैध निर्माण और अतिक्रमण को देखा है। सीईओ भी कई अन्य माध्यमों से जानकारी प्राप्त कर चुका है। सीईओ ने कहा कि अवैध निर्माण से सुनियोजित विकास का विचार करना मुश्किल होगा। इसलिए अवैध निर्माण और अतिक्रमण रोकने के लिए यह कदम उठाना आवश्यक है। 14 अगस्त को जारी हुए आदेश के बाद पूरे अथॉरिटी में सीईओ की कठोरता पर बहस चल रही है। साथ ही, निर्णय किया गया है कि अवैध निर्माण को रोकने के लिए अब लेखपाल स्तर और वर्क सर्कल स्तर पर फील्ड से बाहर निकलना होगा। इस कठोरता से अथॉरिटी की पहचान भी बनी रहेगी।
सरकारी जमीन पर भी अतिक्रमण
नोएडा में लगभग 16200 हेक्टेयर जमीन है। इसमें से शहर के आंतरिक हिस्से में सरकारी जमीन का बहुत बड़ा हिस्सा है। ग्रीन बेल्ट पर भी खड़ी इमारतें हैं। इनमें अरबों रुपये की अमूल्य जमीन भी शामिल है, जो गांवों और सेक्टरों के बीच है। सफार्बाद, गढ़ी चौखंडी, छिजारसी, ममूरा, बरौला, भंगेल, सलारपुर, चौड़ा, गिझौड़, हरौला, नयाबांस, बख्तावरपुर, नंगली-वाजितपुर सहित कई गांवों में सरकारी जमीन पर कब्जा हो रहा है। 2021 तक, सीएजी ने नोएडा में सरकारी जमीन पर हो रहे कब्जे की भी जांच की। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार नोएडा में 45 लाख 26 हजार 464 वर्ग मीटर जमीन पर अतिक्रमण है। इसकी अनुमानित कीमत एक खरब रुपये है, अर्थात् 63 अरब 85 करोड़ 79 लाख 96 हजार आठ सौ रुपये। विशेष रूप से, सीएजी की यह अधिग्रहण रिपोर्ट अधिकारियों के सर्वे पर एक कागजी रिकॉर्ड है। वहाँ जमीन इससे अधिक है।
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