home page

Dwarka Expressway : सिंगल पिलर के ऊपर बना हैं इस एक्सप्रेसवे का एलिवेटेड हिस्सा, एफिल टावर से 30 गुना ज्यादा लगा है स्टील

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का सपना गुरुग्राम निर्माण कंपनियों की लापरवाही से धक्का खा गया। गडकरी ने द्वारका एक्सप्रेस-वे परियोजना को इस साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह अगले साल मार्च तक नहीं पूरा होगा.

 | 
Dwarka Expressway: The elevated portion of this expressway is built on a single pillar, 30 times more steel than the Eiffel Tower.

Saral Kisan - केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का सपना गुरुग्राम निर्माण कंपनियों की लापरवाही से धक्का खा गया। गडकरी ने द्वारका एक्सप्रेस-वे परियोजना को इस साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह अगले साल मार्च तक नहीं पूरा होगा. इसका अर्थ है कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक जाम खत्म नहीं होगा। न केवल द्वारका एक्सप्रेस - वे का निर्माण कार्य 20 प्रतिशत से अधिक बाकी है बल्कि इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए बनाई जा रही सुरंग का काम भी 20 प्रतिशत से अधिक बाकी है। गुरुग्राम का हिस्सा इस साल मई में शुरू होना था, लेकिन अभी लगभग एक या दो महीने और लगेंगे।

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे: लगभग नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे का निर्माण गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के पास से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक होगा। काम तेजी और बेहतर तरीके से हो, इसे ध्यान में रखकर प्रोजेक्ट दो हिस्से में बांटा गया। गुरुग्राम हिस्से की जिम्मेदारी नामी कंपनी एलएंडटी के पास है जबकि दिल्ली हिस्से की जिम्मेदारी भी नामी कंपनी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के पास है। दोनों कंपनियां समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने में विफल साबित हो गईं। दोनों हिस्से में निर्माण कार्य के दौरान हादसा होने से कई महीने तक कार्य प्रभावित रहे।

यह हाल तब जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) समय-समय पर प्रोजेक्ट का स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं। कई बार प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक कर चुके हैं। मई महीने के दौरान निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए गडकरी ने कहा था कि अगले छह महीने के भीतर प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी मोहम्मद सफी का कहना है कि मार्च तक प्रोजेक्ट पूरा होगा।

देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे -

द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे है। यह देश पहला एक्सप्रेस-वे होगा जिसका एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर के ऊपर बनाया जा रहा है। निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल होगा जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है। 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाएगा जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है। प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया गया है। अनुमान है कि इसके चालू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव 40 प्रतिशत से अधिक कम हो जाएगा।

देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे -

द्वारका एक्सप्रेस - वे देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे है। इसका 18.9 किलोमीटर हिस्सा गुरुग्राम में, बाकी 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है। इसमें से 23 किलोमीटर भाग एलिवेटेड और लगभग चार किलोमीटर भूमिगत (टनल) बनाया जा रहा है। गुरुग्राम एवं दिल्ली के हिस्से को दो-दो भाग में बांटा गया है।

गुरुग्राम के दोनों भागों के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी के पास जबकि दिल्ली इलाके के दोनों भागों की जिम्मेदारी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक कंपनी के पास है। दिल्ली में पहला भाग गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से बिजवासन तक लगभग 4.20 किलोमीटर का है। इसके ऊपर 2068 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। दूसरा भाग बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक 5.90 किलोमीटर का है। इसके ऊपर 2507 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। गुरुग्राम इलाके में पहला भाग खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से बसई-धनकोट के नजदीक तक लगभग 8.76 किलोमीटर का है। इसके ऊपर 1859 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। दूसरा भाग बसई-धनकोट के नजदीक से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा तक लगभग 10.2 किलोमीटर का है। इसके भाग के ऊपर 2228 करोड़ रुपये खर्च होने की अनुमान है।

3.6 किलोमीटर लंबी अनूठी सुरंग -

द्वारका एक्सप्रेस-वे से लोग सीधे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच सकें, इसके लिए दिल्ली के द्वारका इलाके में 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे की तरह ही सुरंग भी आठ लेन की होगी। इसकी खासियत यह है कि सुरंग के ऊपर से भी वाहन दौड़ेंगे और नीचे से भी। सुरंग बनने से गुरुग्राम व आसपास के इलाके के अधिकतर लोग दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे की बजाय द्वारका एक्सप्रेस-वे का उपयोग करेंगे। इससे महिपालपुर से धौलाकुआं तक तक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा।

फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर चालू होने से काफी लाभ -

खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर का निर्माण पूरा हो चुका है लेकिन द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा न होने से इसे चालू नहीं किया जा रहा है। इसके चालू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे, सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) और नार्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) जिसे द्वारका एक्सप्रेस-वे कहा जाता है, आपस में जुड़ जाएंगे।

 इससे वाहन पूरी रफ्तार के साथ किसी भी रोड पर आ-जा सकेंगे। बता दें कि एसपीआर गांव घाटा के नजदीक गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से जुड़ी है। ऐसे में फरीदाबाद से आने वाले वाहन इफको चौक से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने की बजाय सीधे खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ेंगे। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे को द्वारका एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए महिपालपुर में फ्लाईओवर के साथ ही अंडरपास का भी निर्माण किया जा रहा है।

ये पढ़ें : MP : इंदौर के ये 5 टूरिस्ट स्पॉट आपकी छुट्टियों को बना देंगे स्पेशल, जानें

Latest News

Featured

You May Like