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बेगूसराय के इन हिस्सों में बारिश की कमी से खेती-बाड़ी में हुआ नुकसान, जलस्तर भी घटा

Bihar News :इस बार देश के अनेकों राज्यों में कम बारिश होने के कारण फसलों को काफी पड़ा है। बरसात नहीं होने की वजह से धान के खेतों में दरार पड़ रही है। यह किसानों की चिंता बढ़ा रही है। वही भूजल सत्र में भी तेजी से गिरावट आ रही है। खेती-बाड़ी चौपट होने के डर से किसानों के हलक सूखने लगे हैं।

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बेगूसराय के इन हिस्सों में बारिश की कमी से खेती-बाड़ी में हुआ नुकसान, जलस्तर भी घटा

Begusarai News : भारत में कम मानसून होने की वजह से किसानों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। कम बारिश की वजह से फसले चौपट हो गई है। बिहार में बेगूसराय के गढ़पुरा में सूखे की वजह से किसान काफी संकट में है। कम बारिश होने के कारण धान के खेतों में दरार आ रही है। वही भूजल स्तर भी तेजी से नीचे जा रहा है। जून से सितंबर को  महीनो को मानसूनी माना जाता है। इन चार महीना में कुल मिलाकर 80 दिन सामान्य बरसात के माने जाते हैं। जून जुलाई में 30 दिन सामान्य बरसात के माने जाते हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2003 से बारिश के दिनों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। बिहार के इस इलाके में जून जुलाई में मात्र 12 दिन बरसात हुई है।

इस साल मानसून काफी कमजोर पड़ गया है। इस महीने बरसात के दिन ना के बराबर है। बीते 10 सालों के आंकड़ों को देख तो अचानक 5 दिन भारी बारिश हो रही है। फिर आज बरसात बंद होकर सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। एकदम से अधिक बरसात से फसल को फायदा नहीं होता है। भूजल स्तर रिचार्ज में भी कोई फायदा नहीं होता। इस प्रखंड इलाके में मात्र 35%  धान की फसल बोई गई है। सूखे जैसी स्थिति में वह भी बर्बाद होने की कगार पर है। खेतों में भयंकर का पानी की कमी होने के कारण दरारें पड़ रही है। दूसरी और बारिश कम बारिश के प्रभाव से इलाके से गुजरने वाले नदी नाले भी सूखे पड़े हैं।

बिहार के गढ़पुरा प्रखंड से होकर गुजरने वाली चंद्रभागा और  बागमती नदी सूख गई है। किसान आशंका जाता रहे हैं कि अगले महीने अच्छी बरसात होगी। क्योंकि अगस्त और सितंबर महीना मानसून के दृष्टिकोण से संवेदनशील माना जाता है। इसमें बरसात की बूंद प्रबलता सबसे ज्यादा रहती है।

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