बिहार में बने सूखे के हालात, जमीनों में आई दरार, स्थिति बनी चिंताजनक
Bihar Monsoon News :मानसून की बेरुखी के कारण राज्य में सूखे के हालात पैदा हो गए हैं। राज्य में पानी की कमी के कारण खेतों में नर्सरी जल रही है और जहां रोपनी हुई है, वहां फसलें सूख गई हैं। धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास जिले में भी अभी तक मात्र 13 प्रतिशत ही रोपनी हो पाई है।
Bihar Monsoon Rain : मानसून की बेरुखी के कारण राज्य में सूखे के हालात पैदा हो गए हैं। राज्य में पानी की कमी के कारण खेतों में नर्सरी जल रही है और जहां रोपनी हुई है, वहां फसलें सूख गई हैं। अब तक मात्र 45 फीसदी रोपनी हो पाई है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार लंबी और मध्यम अवधि वाले धान की 70-75 फीसदी रोपनी होनी थी। कम अवधि वाले धान की रोपनी अब तक हो जानी चाहिए थी। सबसे कम रोपनी बांका जिले में 2 फीसदी हुई है। जबकि कटिहार में सबसे ज्यादा 94 फीसदी रोपनी हुई है। पटना जिले में मात्र 29.58 फीसदी धान की रोपनी हुई है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर चार-पांच दिनों तक बारिश नहीं हुई तो सूखे की स्थिति और भयावह हो जाएगी।
धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास जिले में भी अभी तक मात्र 13 प्रतिशत ही रोपनी हो पाई है। रोहतास के राजपुर प्रखंड के सेवे गांव के किसान बिट्टू सिंह ने 10 एकड़ में धान की रोपाई की है। धान की रोपाई तैयार है, लेकिन पानी के अभाव में हम रोपनी नहीं कर पा रहे हैं। यही स्थिति अधिकांश किसानों की है। नोखा के भंवर गांव के मिलन सिंह 20 एकड़ में धान की रोपाई करते हैं। उनका कहना है कि नहर का पानी खेतों में नहीं आ रहा है। बिजली की स्थिति भी ठीक नहीं है। इसकी वजह से मोटर भी नहीं चल पा रही है. डीजल सब्सिडी का भी कोई अता-पता नहीं है. बिहटा के कंचनपुर के हरे राम शर्मा और सुधांशु सिंह के खेतों में दरारें पड़ गई हैं।
अगस्त के पहले सप्ताह तक शत-प्रतिशत रोपनी हो जानी चाहिए
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के सबौर निदेशक अनुसंधान डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जुलाई के अंत तक राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में 70-75 प्रतिशत रोपनी हो जानी चाहिए थी और अगस्त के पहले सप्ताह तक शत-प्रतिशत रोपनी हो जानी चाहिए थी। जिससे उत्पादन में कोई नुकसान नहीं होगा। अगर इसके बाद रोपनी करनी पड़ी तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है। मौसम प्रतिकूल रहा तो बिचड़ो को बचाकर रखें।
पटना को हर दिन 1200 क्यूसेक पानी की जरूरत
पटना को बलिदाद लख से नहर में हर दिन 1200 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। पटना जिला कृषक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अजय कुमार कहते हैं कि नहर के अंदर तातिल व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए. इससे बिहटा, बिक्रम, पालीगंज, नौबतपुर, दुल्हिन बाजार, फुलवारीशरीफ के किसानों को अपने खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा।