भारत के नक्शे के साथ क्यों दिखाई देता है Sri Lanka, क्या आप जानते है
Saral Kisan : रूटीन लाइफ में तमाम ऐसी चीजें होती हैं जिसे हम आत्मसात कर चुके होते हैं. हम उसके पीछे का कारण जानने की कोशिश नहीं करते हैं. आज एक ऐसे ही सवाल की चर्चा करते हैं. हम बचपन से भारत का नक्शा देखते आए हैं. हम इस नक्शे से पूरी तरह परिचित हो चुके हैं. हम बता सकते हैं कि देश के किस इलाके में कौन सा राज्य है. किस दिशा में क्या पड़ता है.
हिमालय और नेपाल भारत के उत्तर में है. लेकिन, इसी नक्शे में हम दशकों से एक चीज देखते आए हैं. वह है देश के दक्षिणी इलाके से लगे समंदर के बीच बसा देश श्रीलंका. भारत के नक्शे के साथ श्रीलंका को देखने की आदत पड़ गई है. लेकिन, हम यह नहीं सोचते कि आखिर भारत के नक्शे के साथ हमेशा एक संप्रभु देश श्रीलंका को भी क्यों दर्शाया जाता है.
इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने खूब इंटरनेट खंगाला. Quora वेबसाइट पर इसको लेकर कई दिलचस्प जानकारियां मिलीं. हम आपको यहीं से कुछ जानकारी देते हैं. हालांकि, आधिकारिक तौर पर भारत के नक्शे के साथ श्रीलंका को दिखाने के बारे में कोई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है. Quora पर यूजर्स ने अपने-अपने विवेक और तर्क के जरिए अपनी बात रखी है. आइए इसी में से कुछ बातें साझा करते हैं. खुद को एक एजुकेटर बताने वाले Quora यूजर श्याम सिंह लिखते हैं- भारतीय मैप के साथ श्रीलंका को दिखाने के पीछे का कारण समुद्री कानून (मैरीटाइम लॉ) है. श्याम के मुताबिक अगर भारत के नक्शे के साथ श्रीलंका को नहीं दिखाया जाता तो यह कानून का उल्लंघन होता. इसी कारण भारत के हर आधिकारिक नक्शे में श्रीलंका को दर्शाया जाता है.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में मैरीटाइम कानून को मंजूरी दी गई है. इसके मुताबिक अगर किसी देश की सीमा समंदर से लगती है तो 200 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 370 किमी का समुद्री इलाका उस संबंधित देश की सीमा में आता है. इस इलाके में संबंधित देश की नौसेना तैनात रहती है. इस तरह भारत के इस समुद्री सीमा के अंदर श्रीलंका भी आ जाता है. वास्तविक रूप में भारत के धनुषकोटी से श्रीलंका की दूरी मात्र 18 किमी है. इस कारण समंदर के कानून के मुताबिक भारत के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि वह अपने नक्शे में श्रीलंका को भी दर्शाए.
ऐसे बना समंदर का यह कानून
Quora यूजर श्याम सिंह बताते हैं कि 1956 में समंदर के कानून को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव को स्वीकार किया था. इस कंवेन्शन में कई देशों ने हिस्सा लिया. इस कंवेन्शन में समुद्री सीमा और उससे संबंधित तमाम संधियों और समझौतों को लेकर व्यापक स्तर पर चर्चा हुई थी. इसके बाद काफी दिनों तक इस चर्चा होती रही. फिर 1973 और 1982 के बीच आयोजित तीसरी बैठक में इस कानून को मंजूरी दी गई. इस दौरान कई अन्य समुद्री कानूनों को भी मंजूरी दी गई. इन्हीं कानूनों के तहत एक देश के लिए अपने बेसलाइन से समंदर के अंदर 200 नॉटिकल माइल की दूरी तक की चीजों को दर्शाना अनिवार्य होता है. ऐसे में श्रीलंका भी भारत के समुद्री दायरे में आता है और इस कारण नक्शे में उसे दर्शाया जाता है.
वैसे इस बात को लेकर कई अन्य यूजर्स ने अपनी राय रखी है. कई लोग इसे बंगाल की खाड़ी में भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से जोड़कर देखते हैं. कुछ लोग बताते हैं कि इस समुद्री इलाके में भारत का प्रभाव है और उसको रेखांकित करने के लिए अक्सर भारत के नक्शे के साथ श्रीलंका को दिखाया जाता है. इसका संकेत यह भी है श्रीलंका एक संप्रभु राष्ट्र है और हम उसकी संप्रभुता का सम्मान करते हैं.
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