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इन देशों में भूलकर भी नहीं करें यात्रा, वरना जान से धो बैठेगे हाथ

Advisory Firm International SOS ने एक विशिष्ट मैप जारी किया है जो बताता है कि लोगों को इस समय किन देशों में जाने का खतरा कतई नहीं उठाना चाहिए। यहाँ यात्री राजनीतिक अशांति, हिंसा और अपराध जैसे हालात में पड़ सकते हैं।
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Do not travel to these countries even by mistake, otherwise you will lose your life.

Saral Kisan : घूमने-फिरने वाले लोग नए साल और उसके बाद के महीनों में कई जगहों की यात्रा करने का कार्यक्रम बना रहे हैं। रोमांच और विदेश घूमना पसंद करने वाले लोगों ने भी 2024 के लिए अपना अगला स्थान खोजना शुरू कर दिया है।

किन देशों में पर्यटन खतरनाक है?

साथ ही, कंसल्टेंसी फर्म इंटरनेशनल एसओएस ने एक विशिष्ट मैप जारी किया है जो बताता है कि लोगों को अभी किन देशों में जाने का खतरा कतई नहीं उठाना चाहिए। यहाँ यात्री राजनीतिक अशांति, हिंसा और अपराध जैसे हालात में पड़ सकते हैं। यह रिस्क मैप पहली बार जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को भी अंडरलाइन करता है।

सुरक्षित रिस्क के लिहाज से इसमें यूक्रेन, जो युद्धग्रस्त है, दूसरे स्थान पर लीबिया, अफगानिस्तान, दक्षिण सूडान, सीरिया और इराक हैं। वहीं मयांमार और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी देश हैं, जो उच्च रिस्क वाले हैं। हालाँकि, जहां रिस्क कम है, लोग ग्रीनलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड, आइसलैंड या लक्जमबर्ग जा सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय एसओएस में वैश्विक सुरक्षा निदेशक सैली लेवेलिन ने कहा, "आने वाले सालों में भू-राजनीतिक तनाव, अशांति और राजनीतिक अस्थिरता का बिजनेस ऑपरेशंस पर असर पड़ने वाला है।" यूक्रेन, सहेल और मध्य पूर्व के कुछ हिस्से इस मैप में हाई सेक्योरिटी रिस्क कैटेगरी में हैं। International SOS इन स्थानों पर काम करने वाले संगठनों को मदद करता है, जिसमें वैरिफाइड इंफॉर्मेशन और एडवाइस प्रदान करना शामिल है कि ऐसे जोखिम उनके कर्मचारियों को कैसे प्रभावित करेंगे, और जहां आवश्यक हो वहां इवेक्वेशन का भी सपोर्ट करना शामिल है।

ब्रिटेन, अधिकांश यूरोप, अमेरिका, कनाडा, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सुरक्षा की माइनर रिस्क कैटेगरी में हैं। दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, अल्जीरिया, केन्या, ब्राजील, पेरू, बोलीविया, मैक्सिको, फिलीपींस, ईरान, तुर्की और रूस मध्यम रिस्क वाले देश हैं।

लेबनान, फिलिस्तीनी क्षेत्र और रूस में तनाव बढ़ा

इस साल रिस्क सबसे तेजी से लेबनान, फिलिस्तीनी क्षेत्रों और रूस के कुछ हिस्सों में बढ़ा है, जो नए और बढ़ते तनावों का परिणाम है। इक्वाडोर और कोलंबिया के कुछ क्षेत्रों में अशांति और आपराधिक घटनाओं में लगातार वृद्धि के कारण भी रिस्क बढ़ा है। वहीं, रिस्क फैक्टर में कमी के बाद कई देशों में रिस्क रेटिंग में कमी आई है। इसमें नेपाल और अल साल्वाडोर के कुछ हिस्से भी शामिल हैं।

पूर्व ट्रैवल रिस्क असेसमेंट अनिवार्य है

माइकल रोजर्स, अंतर्राष्ट्रीय एसओएस के मुख्य सुरक्षा विश्लेषक, ने कहा कि लोगों को जियो पॉलिटिकल और सोशियो एकोनोमिक डेव्लप्मेंट, प्राकृतिक हजार्ड और अन्य खतरों की पूर्व जानकारी होनी चाहिए। संगठनों को ट्रैवल रिस्क से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए यात्रा करने वाले कर्मचारियों को प्री ट्रैवल रिस्क असेसमेंट और सिचवेश्नल अवेयरनेस की आवश्यकता पर जोर देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि संगठनों को सेक्योरिटी इंसीडेंट्स की रिपोर्ट करने और यह सुनिश्चित करने के लिए क्लीयर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल का पालन करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि इमीडिएट सहायता जरूरत पड़ने पर आसानी से उपलब्ध हो सके। जब कोई महत्वपूर्ण घटना घटती है, तो संगठन की प्रतिक्रिया को कवर करने वाले सेक्योरिटी मैनेजमेंट से स्पष्ट संचार अगले कदमों को समझने में बहुत मदद करता है।

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