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Diabetes: शुगर से पाना है छुटकारा, रोजाना खाली पेट खाएं इस पेड़ के पत्ते

Diabetes: हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए घरेलू नुस्खों का उपयोग करें। जामुन के पत्ते इसमें शामिल कर सकते हैं। यह मधुमेह के मरीजों के लिए एक चमत्कार है। रोजाना सुबह खाली पेट जामुन के पत्तों को चबाने से रक्तचाप स्थिर रहता है।
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Diabetes: To get rid of sugar, eat the leaves of this tree daily on an empty stomach.

Saral Kisan : शरीर में इंसुलिन की उत्पादकता कम होने पर खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। इस स्थिति का नाम डायबिटीज है। असल में, इंसुलिन एक हार्मोन है जो अग्नाशय या पैनक्रियाज में बनाया जाता है। जो भोजन को ऊर्जा में बदलता है। यह पाचन क्षमता को दुरुस्त रखने में महत्वपूर्ण है। इससे रक्तचाप हमेशा नियंत्रण में रहता है। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं। यह भी खर्च नहीं होगा और ब्लड शुगर हमेशा नियंत्रित रहेगा। इसके लिए जामुन का सेवन कर सकते हैं। जामुन के पत्ते अक्सर हर जगह मिलते हैं।

डायबिटीज से पीड़ित लोगों को खाली पेट नहीं खाना चाहिए। यही कारण है कि सुबह की पहली डाइट उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सुबह खाना खाने से पहले जामुन का पत्ता चबाने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज से पीड़ित किसी व्यक्ति के घर या आसपास कोई जामुन का पेड़ हो सकता है, तो यह बहुत फायदेमंद हो सकता है।

जामुन के पत्तों से ब्लड शुगर नियंत्रण

शरीर रात में सोते समय सभी हार्मोंस को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की अधिक मात्रा बनाता है। जो सुबह शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ाता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए फास्टिंग शुगर 100 mg/dL से अधिक होने पर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए इसके पत्ते भी जामुन की तरह अच्छे हैं। यह तेजी से इंसुलिन बनाते हैं। कुछ ऐसे तत्व जामुन के पत्तों से निकलने वाले रस में पाए जाते हैं। जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।

जामुन के पत्तों को कैसे खाना चाहिए?

जामुन के पत्ते हाइपरग्लाइसेमिक, हाइपरलिपिडेमिक और एंटीऑक्सिडेंट हैं। जिससे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। Health Professionals कहते हैं कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सुबह सबसे पहले चार से पांच जामुन की पत्तियों को पानी से अच्छे से धो लें। फिर इन्हें चबा लें। चबाने के बाद इसके पत्तों का रस पिएं। फिर बचे हुए पत्तों को थूक दें।

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