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Delhi NCR Property Price : बीते दो साल में Delhi-NCR में प्रोपर्टी रेट में हुआ इतना इजाफा, खरीदने से पहले देखें रेट

Delhi NCR Property Price : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि पिछले दो साल में दिल्ली-एनसीआर में प्रोपर्टी रेट में इतने प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। क्रेडाई और कोलियर्स लियासेस फोरास की संयुक्त  रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शीर्ष आठ शहरों में आवास की कीमतों में दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है...
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Delhi NCR Property Price: There has been so much increase in property rates in Delhi-NCR in the last two years, see the rates before buying.

Saral Kisan : कोरोना महामारी के बाद घरों की कीमत में वृद्धि का सिलसिला जारी बदस्तूर जारी है। क्रेडाई और कोलियर्स लियासेस फोरास की संयुक्त  रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शीर्ष आठ शहरों में आवास की कीमतों में दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। घरों की कीमत में वृद्धि के मामले में दिल्ली-एनसीआर दूसरे स्थान पर रहा है। यहां प्रॉपर्टी की कीमतें दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़ी हैं। वहीं, गोल्फ कोर्स रोड और द्वारका एक्सप्रेसवे  पर प्रॉपर्टी आवास की कीमतों में क्रमशः 46 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। आइए नीचे खबर में जानते है छपी एक खबर के मुताबिक...

नोएडा और गुरुग्राम भी पीछे नहीं-

प्रॉपर्टी ब्रोकर का कहना है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद समेत एनसीआर के आसपास के सभी प्रॉपर्टी लोकेशंस में प्रॉपर्टी की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। मोट तौर पर देखें तो पिछले दो साल में अधिकांश प्रॉपर्टी की कीमत करीब दोगुनी हो गई है। वहीं, लग्जरी फ्लैट की मांग भी तेजी से बढ़ी है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह बढ़ोतरी सिर्फ मेट्रो शहरों तक है। अगर आप टियर टू और थ्री शहरों के प्रॉपर्टी मार्केट पर नजर डालें तो वहां भी कीमत में बड़ी बढ़ोतरी हुई है।

क्यों बढ़ रही प्रॉपर्टी की कीमतें?

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि घरों की कीमत बढ़ने की कई वजह है। सबसे पहला जमीन की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। दूसरा निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सभी तरह के रॉ-मेटेरियल्स के दाम में 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई है। तीसरा अहम कारण श्रम लागत बढ़ना है। महंगाई बढ़ने के चलते हमने मजदूरों की देहारी में वृद्धि की है। इसके चलते निर्माण लागत का बोझ बढ़ गया है। ये ऐसे कारण हैं, जो कीमत बढ़ाने का काम किए हैं। ऐसे में कोई डेवलपर्स चाहकर भी सस्ते मकान नहीं बना पा रहा है। इसलिए घरों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है।

लग्जरी मकानों की कीमत सबसे ज्यादा बढ़ी-

देश के शीर्ष सात शहरों में पिछले पांच साल में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक के आलीशान मकानों की कीमत में भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिला है। रियल एस्टेट रिसर्च फर्म एनारॉक के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में महंगे आलीशान मकानों की औसत कीमत में सबसे ज्यादा 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में शीर्ष सात शहरों में ‘लक्जरी’ मकानों की औसत कीमत 12,400 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं, जो अब बढ़कर 15,350 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं।

लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी घरों की मांग बढ़ी-

गंगा रियल्टी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, विकास गर्ग ने बताया कि एनसीआर और अन्य शहरों में लक्जरी घर की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी इस बात के संकेत हैं कि लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी आवासीय क्षेत्रों में घरों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। लक्जरी घरों में निवेश के प्रति मिलेनियल्स का आकर्षण बढ़ा है। वर्क फ्रॉम होम कल्चर के कारण भी लक्जरी प्रॉपर्टी की मांग बढ़ी है।

कुल मिलाकर, बड़े घर, भव्य मनोरंजक सुविधाएं आज रियल एस्टेट खरीदारों के लिए पहली पसंद बन गए हैं। वहीं, त्रेहान ग्रुप के  मैनेजिंग डायरेक्टर, सारांश त्रेहान ने कहा कि महामारी के बाद के युग में लक्जरी घरों की मजबूत मांग फिर से रफ्तार पकड़ी है। अधिकांश डेवलपर्स खरीदारों के व्यापक और विविध वर्ग को पूरा करने के लिए लक्जरी परियोजनाओं के निर्माण में बदलाव कर रहे हैं। गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड जैसे नए रियल्टी बेल्ट में लो-राइज इंडिपेंडेंट फ्लोर की मांग में विशेष वृद्धि देखी गई है। त्योहारी सीजन में और मांग बढ़ने की उम्मीद है।

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