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Delhi NCR Metro : मार्च माह तक जुड़ जाएंगे ये दोनों मेट्रो स्टेशन, 50 हजार यात्रियों मिलेगा लाभ

स्काईवॉक बनने से नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Metro Rail Corporation Limited) और दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) के दोनों स्टेशनों से रोजाना यात्रा करने वाले 50 हजार से ज्यादा यात्रियों को सुविधा मिलेगी। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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Delhi NCR Metro: These two metro stations will be connected by the month of March, 50 thousand passengers will get benefit.

Saral Kisan, NCR Metro : एक्वा लाइन के सेक्टर-51 और ब्लू लाइन के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन छह माह में स्काईवॉक से जुड़ जाएंगे। स्काईवॉक बनने से नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Metro Rail Corporation Limited)  और दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) के दोनों स्टेशनों से रोजाना यात्रा करने वाले 50 हजार से ज्यादा यात्रियों को सुविधा मिलेगी। बीते चार माह से इसका निर्माण कार्य जारी है। जिसके पूरा करने की डेडलाइन 31 मार्च तय की गई है। अब तक करीब 45 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

दरअसल, नोएडा सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा तक बने एक्वा लाइन कॉरिडोर और पास से गुजरने वाले ब्लू लाइन कॉरिडोर के बीच करीब 420 मीटर की दूरी है। दोनों स्टेशनों को जोड़ने के लिए कोई कॉमन प्लेटफॉर्म नहीं है। कॉरिडोर का निर्माण करते समय की गई अनदेखी की वजह से वर्तमान समय में हजारों यात्री मेट्रो बदलने के लिए प्लेटफॉर्म से उतरकर पैदल जाते हैं। हालांकि एनएमआरसी ने ई-रिक्शा की व्यवस्था की है। लेकिन वह भी इस समय यात्रियों को सहूलियत प्रदान नहीं कर पा रही है। इस वजह से यात्रियों को काफी असुविधा होती है। इसके समाधान के लिए नोएडा प्राधिकरण ने स्काईवॉक बनाने की योजना बनाई।

इसी एक मई से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ है। आधार आदि तैयार करने के बाद स्टील के गर्डर आदि लगाए जा रहे हैं। इसी को आधार बनाते हुए स्काईवॉक बनाया जाएगा। स्काईवॉक पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। इसकी चौड़ाई 6.3 मीटर है। इसके ट्रेवलेटर की लंबाई 230 मीटर होगी। इसकी अनुमानित निर्माण लागत करीब 25 करोड़ है। इसमें सिविल के कार्यों के लिए 10.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शेष रकम इलेक्ट्रिक समेत अन्य कार्यों पर खर्च होगी।

एक्वा लाइन विस्तार की डीपीआर भी अटकी

कॉमन प्लेटफॉर्म नहीं होने की वजह से एक्वा लाइन विस्तार की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्टर (डीपीआर) भी रुकी हुई है। केंद्र सरकार के मंत्रालय से इसे मंजूरी नहीं मिल पा रही है। एनएमआरसी की ओर से कहा गया है कि स्काईवॉक से समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। लेकिन फिलहाल मंत्रालय एनएमआरसी के इस तर्क को नहीं मान रहा है। उनकी ओर से यह कहा गया था कि कोई ऐसा विकल्प तैयार किया जाए ताकि दोनों लाइनों को किसी कॉमन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए। हालांकि काफी विचार के बाद भी इस तरह की योजना तैयार नहीं हो पाई है। यही वजह है कि विस्तार की योजना अटकी हुई है।

आइकिया के प्रोजेक्ट को भी मिलेगा फायदा

सेक्टर-51 और 52 मेट्रो के बीच के खाली स्थान में आइकिया कंपनी का प्लॉट है। यहां उक्त कंपनी का निर्माण कार्य चल रहा है। अगले कुछ वर्षों में कंपनी यहां अपना स्टोर खोलेगी। उस समय इस स्काईवॉक के माध्यम से उक्त स्टोर में जाने की सुविधा भी मिलेगी। इसे इस तरह से बनाया जा रहा है कि दोनों स्टेशनों से उतरने के बाद यात्री सीधे आइकिया के स्टोर में जा सकें। बीच में लिफ्ट आदि से उतरने और स्टोर के तलों को इससे जोड़ा जाएगा। इस बाबत पहले से ही योजना तैयार की गई है।

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