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Delhi Metro : इस मेट्रो लाइन पर बनाए जाएंगे 8 नए स्टेशन, 18 सौ करोड़ रुपये का आएगा खर्च

Delhi Metro : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि इस मेट्रो लाइन पर आठ नए स्टेशन बनाए जांएगे। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक आने वाली मेट्रो लाइन पर प्रस्तावित आठ मेट्रो स्टेशन की लोकेशन तय कर दी गई है...

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Delhi Metro: 8 new stations will be built on this metro line, it will cost Rs 1800 crore

Saral Kisan : बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक आने वाली मेट्रो लाइन पर प्रस्तावित आठ मेट्रो स्टेशन की लोकेशन तय कर दी गई है। सेक्टर-96 में बन रहे नोएडा प्राधिकरण के नए प्रशासनिक कार्यालय के सामने मेट्रो स्टेशन बनाया जाएगा। यह एक्वा लाइन का एक्सटेंशन रूट होगा। इससे नोएडा-दिल्ली से ग्रेनो आने-जाने वालों को सहूलियत होगी।

अभी नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन एक्वा लाइन को संचालित कर रहा है। दिल्ली से ब्लू या मजेंटा लाइन से आने वालों को ब्लू लाइन के सेक्टर-52 स्टेशन पर उतरना पड़ता है। यहां से पैदल या ई-रिक्शा से लोग एक्वा लाइन के सेक्टर-51 स्टेशन पहुंचते हैं। इस लाइन पर करीब 1800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इसमें 20 प्रतिशत केंद्र और 20 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी।

इन जगहों पर बनेंगे मेट्रो  स्टेशन

सेक्टर- 44 : एफ ब्लॉक पार्क के सामने 
सेक्टर- 96 : नोएडा प्राधिकरण के बन रहे प्रशासनिक कार्यालय के सामने
सेक्टर - 105 : हाजीपुर अंडरपास के पास ग्रेटर नोएडा की ओर करीब 100 मीटर की दूरी पर

सेक्टर - 38 ए : यह स्टेशन अभी बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन से सटाकर बनाया जाएगा

सेक्टर - 97 : यूनिटेक बिल्डिंग से ग्रेटर नोएडा की ओर करीब 150 मीटर की दूरी पर
सेक्टर - 108 : जेपी फ्लाईओवर (सेक्टर-82)फ्लाईओवर से पहले उतरने वाले स्लिप रोड के पास
सेक्टर - 93 : पाशर्वनाथ प्रेस्टीज और एल्डिको सोसायटी के बीच में

अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मेट्रो लाइन पर करीब 1800 करोड़ रुपये खर्च आएंगे। योजना के मुताबिक, बॉटनिकल गार्डन और सेक्टर - 44 के मेट्रो स्टेशन को छोड़ दें बाकी सभी छह स्टेशन एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर रोड पर बनाए जाएंगे। एक्सप्रेसवे और सर्विस रोड को जोड़ते हुए एक्सप्रेसवे के दूसरे हिस्से को जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड के पास, जो छह स्टेशन बनाए जाएंगे, उनके सामने या आसपास अंडरपास हैं ताकि एक्सप्रेसवे के दूसरे हिस्से में रहने वाले लोग भी आसानी से वाहनों के माध्यम से स्टेशन तक आ सकें।

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