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Death Rate: किस देश में हैं Death Rate सबसे कम, सूची में भारत की क्‍या है स्थिति?

Lowest Death Rate: कतर सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों की सूची में पहले नबर पर है। 2023 में कतर में प्रति 1000 लोगों की मृत्यु दर 1.2 होगी। दूसरे शब्दों में, कतर की जीवन प्रत्याशा दुनिया में सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात इस सूची में दूसरे स्थान पर है। यूएई में मृत्यु दर 1.5 है, बहरीन में 2.4 है, कुवैत में 2.7 है, मालद्वीव में 2.8 है, सऊदी अरब में 3.5 है, फिलीस्तीन में 3.5 है, जॉर्डन में 3.9 है और सोलोमन द्वीप में 4.3 है। भारत में प्रति हजार व्यक्ति मृत्यु दर 7.2 है। कम मृत्यु दर वाले देशों में बेहतरीन स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं हैं, इसलिए भारत सरकार को इसे कम करने का प्रयास करना चाहिए।

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Death Rate: Which country has the lowest death rate, what is India's position in the list?

Lowest Death Rate: कतर सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों की सूची में पहले नबर पर है। 2023 में कतर में प्रति 1000 लोगों की मृत्यु दर 1.2 होगी। दूसरे शब्दों में, कतर की जीवन प्रत्याशा दुनिया में सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात इस सूची में दूसरे स्थान पर है। यूएई में मृत्यु दर 1.5 है, बहरीन में 2.4 है, कुवैत में 2.7 है, मालद्वीव में 2.8 है, सऊदी अरब में 3.5 है, फिलीस्तीन में 3.5 है, जॉर्डन में 3.9 है और सोलोमन द्वीप में 4.3 है। भारत में प्रति हजार व्यक्ति मृत्यु दर 7.2 है। कम मृत्यु दर वाले देशों में बेहतरीन स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं हैं, इसलिए भारत सरकार को इसे कम करने का प्रयास करना चाहिए।

2023 में बुल्गारिया में प्रति हजार व्यक्ति मृत्यु दर 15.4 के साथ सबसे अधिक है। यूक्रेन में जारी युद्ध के बाद भी ये दर 14.6 है। इसके बावजूद, यूक्रेन इस मामले में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, लेसोथो में प्रति 1000 लोगों की मृत्यु दर 14.3 है, लिथुएनिया में 13.6 है, सर्बिया में 13.2 है, क्रोएशिया में 13.1 है, रोमानिया में 13 है और जॉर्जिया में 12.8 है। रूस, यूक्रेन के साथ संघर्ष कर रहा है, शीर्ष 10 देशों की सूची में 10वें स्थान पर है। रूस में अनेक सुविधाओं के बावजूद प्रति हजार व्यक्ति की मृत्यु दर 12.7 है।

मृत्यु दर

मृत्यु दर एक विशेष अवधि में किसी विशेष आबादी में हुई मौतों की संख्या है। मृत्यु दर को आम तौर पर एक वर्ष में एक हजार लोगों पर होने वाली मौतों की संख्या के तौर पर बताया जाता है। जनसंख्या में गिरावट का खतरा अधिक जन्म दर और मृत्यु दर वाले देशों में है। मृत्यु दर देशों में काफी अलग होती है। मृत्यु दर विकासशील देशों की तुलना में विकसित देशों में कम है। यह उनके मजबूत स्वास्थ्य देखभाल नेटवर्क और सुविधाओं से है।

मृत्यु दर में बदलाव के क्या कारण हैं?

पानी, भोजन और स्वच्छता के लिए कई कम विकसित देश संघर्ष कर रहे हैं। इससे बीमारी और दूसरी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। Globally, कुल दैनिक जन्म कुल दैनिक मृत्यु से काफी अधिक है। लेकिन इसमें आने वाली सदी में कमी आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ पानी और उचित आहार और व्यायाम का मृत्यु दर पर सबसे ज्यादा असर होता है। ग्लोबल हेल्थ डेटा एक्सचेंज के अनुसार, 1990 से 2019 तक मोटापा, खाने की बुरी आदतों और हृदय रोग दुनिया भर में मौतों का सबसे बड़ा कारण था।

कम बीमारी, कम मृत्यु दर

मधुमेह, यानी शुगर की बीमारी, भी खाने के तरीकों से जुड़ा हुआ है। अब आप ये सोच सकते हैं कि विकसित देशों में जंक फूड और प्रोसेस् ड फूड सबसे अधिक खाया जाता है। इसलिए विकसित देशों में मोटापे और मधुमेह की दर भी अधिक है। विकसित देश अभी भी विश्व में सबसे स्वस्थ देशों में शामिल हैं। इसके लिए उनका विकसित स्वास्थ्य सेवा प्रणाली जिम्मेदार है। उन्नत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के कारण विकसित देशों में मृत्यु दर कम है। साथ ही, कैंसर दुनिया में मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है।

मृत्यु दर अचानक क्यों बढ़ जाती है?

मृत्यु दर में भी अस्थायी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि मृत्यु के कम पूर्वानुमानित कारण हैं। विशेष रूप से युद्धरत देशों में अचानक मौत दर बढ़ सकती है। वहीं, देश में अशांति होने पर मृत्यु दर भी बढ़ सकती है। इसके अलावा, अचानक किसी बीमारी का प्रकोप होने पर मृत्यु दर भी बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, सभी देशों में COVID-19 के कारण मृत्यु दर में भारी वृद्धि हुई थी।

अधिक मृत्यु दर के कुछ महत्वपूर्ण कारण

मृत्यु दर अधिक होने वाले देशों में हृदय रोग और कैंसर दो सबसे बड़े कारण हैं। मृत्यु दर में बढ़ोतरी के अन्य बड़े कारणों में आत् महत् या, हत् या, सड़क दुर्घटनाएं, अल्कोहल का सेवन, स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन शामिल हैं। मृत्यु दर में वृद्धि भी कुछ देशों में अधिक वजन और मोटापा का कारण है। 2001 से साल-दर-साल मृत्यु दर में बढ़ोतरी में मोटापा 50 प्रतिशत जिम्मेदार है। वहीं, सर्बिया में बुजुर्ग आबादी अधिक होने से मृत्यु दर अधिक है। इसके अलावा धूमपान के कारण भी वहां बहुत अधिक मौतें होती हैं।

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