DA Merger : करोड़ों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी, बेसिक सैलरी के साथ मर्ज होगा महंगाई भत्ता, मिलेगा तगड़ा फायदा
DA Merger : देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण सुधार। मोदी सरकार ने लाखों केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) का ऐलान किया है। कर्मचारियों को इस निर्णय से बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इससे उनकी नई सैलरी की गणना शुरू हो गई है। इस अपडेट के बारे में अधिक जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ें:

Saral Kisan, DA Merger : मोदी सरकार ने लाखों केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) का ऐलान किया है। यह निर्णय कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात देता है, क्योंकि अब वे अपनी नई सैलरी की गणना करने लगे हैं। सरकार ने बताया कि यह कार्यक्रम 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होगा।
कर्मचारियों को इस वेतन आयोग के अलावा दो महत्वपूर्ण उपहार भी मिलेंगे। नया फिटमेंट फैक्टर लागू होगा, जबकि दूसरा कर्मचारियों के वर्तमान महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी के साथ मर्ज करेगा।
सरकार ने आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी से संबंधित चिंताएं पैदा की हैं। महंगाई भत्ता (DA) के विलय के साथ-साथ फिटमेंट फैक्टर के संभावित प्रभावों और मूल वेतन के विलय का सबसे बड़ा सवाल है। कर्मचारियों को यह जानना महत्वपूर्ण है कि इन दोनों के संयोजन से उन्हें कितनी रकम मिलेगी। यह समीक्षा कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए की जाएगी ताकि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
जानें फिटमेंट फैक्टर:
वेतन आयोग के कार्यान्वयन के दौरान मूल वेतन को बदलने के लिए फिटमेंट फैक्टर का उपयोग किया जाता है। यह कर्मचारियों की सैलरी तय करता है, खासकर डीए को ध्यान में रखते हुए महंगाई और पिछले भत्तों। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57% था। इसका अर्थ है कि इस फिटमेंट फैक् टर के साथ किसी व्यक्ति की कुल सैलरी लगभग 77,100 रुपये होगी अगर उनकी मूल सैलरी 30 हजार रुपये थी। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.83 करना चाहिए। नया फिटमेंट फैक्टर लगने के बाद, किसी व्यक्ति की मूल सैलरी 50 हजार रुपये है, तो उनकी कुल सैलरी लगभग 1,41,500 रुपये हो जाएगी।
महंगाई भत्ता का रोल क्या है?
फिटमेंट फैक्टर को पिछले तीन वेतन आयोगों में लागू किया गया था, जिसमें महंगाई भत्ता मूल वेतन के साथ जोड़ा गया था। 7वें वेतन आयोग, जो जनवरी 2016 में लागू हुआ, केंद्रीय कर्मचारियों को मूल वेतन (Basic pay to central government employees) पर 125% डीए मिला। आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया, और सरकार ने बेसिक और डीए को मिलाकर नई सैलरी की गणना की, जिस पर 14.22% का इंक्रीमेंट लागू हुआ। इससे नई सैलरी निर्धारित होगी।
मान लें कि एक कर्मचारी को 10 हजार रुपये की बेसिक सैलरी मिली, जिस पर 125 प्रतिशत (12,500 रुपये) का डीए मिलता था। इस प्रकार, कुल वेतन 22,500 रुपये था। सरकार ने 14.22% इंक्रीमेंट किया था, जो कुल 3,199 रुपये था। इसे जोड़कर कुल सैलरी 25,700 रुपये हो गई।
आठवें वेतन आयोग में कितनी वृद्धि होगी?
सातवें वेतन आयोग (सातवें वेतन आयोग) के फॉर्मूले को ही आठवें वेतन आयोग (आठवें वेतन आयोग) पर भी लागू करें तो नई सैलरी कितनी होगी? मान लें कि सरकार 2.83 का फिटमेंट फैक् टर लागू करती है और मौजूदा दयालुता अनुदान (डीए) को मर्ज करती है। यही कारण है कि अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 50 हजार रुपये है, तो उसे 55% डीए मिलता है. अगर सरकार जुलाई में 3 प्रतिशत डीए बढ़ा देती है, तो यह 58 प्रतिशत हो जाएगा।
इसका अर्थ है कि दिसंबर 2025 तक कुल सैलरी 50 हजार रुपये होगी, साथ ही महंगाई भत्ता 58 प्रतिशत, यानी 79,000 रुपये होगा। फिटमेंट फैक् टर का अनुमान है कि 20 प्रतिशत तक सैलरी बढ़ेगी, इसलिए एक कुल इजाफा हुआ 15,800 रुपये और कुल सैलरी 94,800 रुपये होगी।