सीजन के हिसाब से करें सब्जी की खेती, साल भर में कमा रहा लाखों का फायदा
बिहार का किशनगंज जिला कृषि में लगातार सुधार देखता है। यही कारण है कि यहां के किसान अब साग-सब्जी और चाय की खेती करने के बजाय धान और गेहूं जैसे मोटे अनाज की खेती कर रहे हैं।
Saral Kisan - बिहार का किशनगंज जिला कृषि में लगातार सुधार देखता है। यही कारण है कि यहां के किसान अब साग-सब्जी और चाय की खेती करने के बजाय धान और गेहूं जैसे मोटे अनाज की खेती कर रहे हैं। बिहार के किशनगंज जिले के किसानों ने पिछले कई वर्षों से मोटी फसलों की जगह वैकल्पिक खेती का प्रयोग किया है। इससे जिले में चाय, ड्रैगन फ्रूट्स, अनानस और सब्जियों की अच्छी पैदाकारी हुई, जो लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। तीन बीघे में बरवटी और बैंगन की खेती करने वाले किशनगंज के बेलवा के किसान जयनंदन पासवान भी अच्छी कमाई कर रहे हैं।
पासवान ने यह बताया कि हम अधिक मात्रा में सब्जी की खेती करते हैं। सब्जी की खेती हर सप्ताह लाभ देती है। वहीं, गेंहू और धान जैसे मोटे अनाज से पैसा 5-6 महीने में मिलता है। इसलिए मोटे अनाज की तुलना में सब्जी की खेती बेहतर है। वहीं, सब्जी की खेती में कम मेहनत और अधिक मुनाफा मिलता है। तीन बीघा बैगन और बरवटी से प्रति बीघा लाख रुपये मिलने का अनुमान है। जयनंदन ने लागत की बात पूछने पर बताया कि एक बीघा सब्जी की खेती में लगभग 20-26 हजार रुपये खर्च होते हैं। बेहतर सब्ज़ी मंडी से एक लाख तक मुनाफा आसानी से मिल सकता है।
एक लाख रुपये का मुनाफा एक बीघा बरवट्टी की खेती से
जयनंदन ने बताया कि किशनगंज में मोटे अनाज और साग सब्जियों की बहुतायत में खेती की जाती है, जिससे वे बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। खास बात है कि यह हर दिन मुनाफा देता है। किसान इससे बहुत खुश हैं। जयनंदन ने बरबटी के अलावा बैंगन, गोभी और लौकी भी बोते हैं, जिससे हर वर्ष पांच बीघे की सब्जी में आसानी से पांच लाख रुपये की बचत होती है।
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