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कम लागत और अधिक मुनाफे के लिए 500 रुपए किलो वाली इस फसल की खेती करें

लेकिन लोगों का मानना है कि हल्दी सिर्फ पीली होती है। आपको बता दे की काली हल्दी भी होती है। काली हल्दी का मूल्य भी पीली हल्दी से अधिक होता है। इसका प्रयोग आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है।
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Cultivate this crop which costs Rs 500 per kg for lower cost and more profits.

Saral Kisan - लेकिन लोगों का मानना है कि हल्दी सिर्फ पीली होती है। आपको बता दे की काली हल्दी भी होती है। काली हल्दी का मूल्य भी पीली हल्दी से अधिक होता है। इसका प्रयोग आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है। इसमें पीली हल्दी से अधिक विटामिन्स और मिनिरल्स हैं। यही कारण है कि एक किसान ने अब बिहार में भी इसकी खेती शुरू कर दी है। किसान इससे अच्छी कमाई करता है।

जानकारी के अनुसार, काली हल्दी का किसान कमलेश चौबे है। वे पूर्वी चम्पारण राज्य के नरकटियागंज प्रखंड के मुशहरवा गांव में रहते हैं। काली हल्दी की खेती अभी एक कट्ठे जमीन पर शुरू की गई है। 25 किलो काली हल्दी को एक कट्ठे जमीन में बोया गया था, जिससे लगभग डेढ़ क्विंटल हल्दी की पैदावार हुई। उन्हें इससे अच्छी कमाई होती है।

150 किलो हल्दी बेचने पर इतना पैसा मिलेगा

खास बात यह है कि काली हल्दी की खेती करने के लिए कमलेश ने नागालैंड से बीज मंगवाए थे। 500 रुपये प्रति किलो बीज का मूल्य था। ऐसे में उन्हें बीज के बीस किलो खरीदने के लिए साढ़े बारह हजार रुपये खर्च करने पड़े। काली हल्दी की अभी कीमत 500 से 5000 रुपये प्रति किलो है। 150 किलो काली हल्दी को 1000 रुपये प्रति किलो बेचने पर भी कमलेश को डेढ़ लाख रुपये की कमाई होगी।

काली हल्दी में इतने गुण हैं

कृषि वैज्ञानिक अभिक पात्रा ने कहा कि काली हल्दी स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी है। इससे कई दवा बनाई जाती हैं। इसकी कीमत पीली हल्दी से कई गुना अधिक होती है। यह अभी भी उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। एंथोसायनिन अधिक मात्रा में काली हल्दी में पाया जाता है। इसलिए इसे गहरा बैंगनी रंग लगता है। काली हल्दी में अस्थमा विरोधी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीफंगल, एंटीकॉन्वेलसेंट, एनाल्जेसिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीअल्सर गुण भी हैं।
 

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