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मध्यप्रदेश के इस जिले में 425 एकड़ पर बनेगा गो-अभ्यारण्य, अधिकारियों ने किया निरीक्षण

एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा इस गांव में करीबन 425 एकड़ में गौ अभ्यारण बनाने के लिए प्रोजेक्ट भेजा गया है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजे जाने के बाद बीते वीरवार को पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने देवल पहुंचकर निरीक्षण किया।
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मध्यप्रदेश के इस जिले में 425 एकड़ पर बनेगा गो-अभ्यारण्य, अधिकारियों ने किया निरीक्षण 

Deval Goshala : अंग्रेजों के समय से ही देवल गांव में बड़ी गौशाला बनाई गई थी। इस गौशाला में हजारों गायों का पालन पोषण किया जाता था। लेकिन कई सालों पहले इसे बंद कर दिया गया। लेकिन अब विभाग द्वारा खाली पड़ी जमीन पर फिर से गौ अभ्यारण बनाने की तैयारी की जा रही है। जिससे यहां पर घूमने वाली हजारों गौवंश को सुरक्षित किया जा सके। 

एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा इस गांव में करीबन 425 एकड़ में गौ अभ्यारण बनाने के लिए प्रोजेक्ट भेजा गया है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजे जाने के बाद बीते वीरवार को पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने देवल पहुंचकर निरीक्षण किया। आज के समय में यहां पर एक छोटी गौशाला चलाई जा रही है। उसके पास में ही एक खाली पड़ी जमीन पर गौशाला बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। 

इसके साथ-साथ पास लगती वन विभाग की जमीन को भी काम में लिया जाएगा। प्रमुख सचिव द्वारा निरीक्षण करके जमीन को देखा गया और ग्राम में पंचायत, जनपद, पंचायत, वन विभाग के अधिकारियों से भी चर्चा की गई। इसके बाद सभी ने इस प्रोजेक्ट पर सहमति जताई। वहीं एसडीएम को खाली पड़ी जमीन की जानकारी दी गई। इस एरिया का सबसे बड़ा गौ अभ्यारण बनाया जाएगा जो हजारों गौवंश को सुरक्षित रखेगा। इस मौके पर जनपद पंचायत पशु चिकित्सा विभाग वन विभाग राजस्व विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। 

किया जाएगा यह काम 

अगर स्थान पर गौवंश अभ्यारण बनाया जाएगा तो आसपास के लगते सभी जल स्रोतों को सुरक्षित करके उपयोग में लिया जाएगा। जिससे गौवंश को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके। इसके साथ-साथ चारों तरफ पक्की दीवार बनाई जाएगी जिससे गौवंश को सुरक्षित रखा जा सके।  गो अभ्यारण बनाए जाने के बाद सड़कों पर घूम रही आवारा गौवंश सुरक्षित हो जाएगी और किसानों को भी राहत मिलेगी। 

लोगों की ये मांग 

वही देवली में पुरानी गौशाला को फिर से शुरू करने की मांग उठाई जा रही है। इसके लिए ज्ञापन सौंपा जा चुका है। क्योंकि रोजाना सुनने को मिलता है कि सड़कों पर को गौवंश घायल हो रहे हैं और वाहनों की टक्कर से गौवंश की मौत हो रही है। फसलों को सुरक्षित करने के लिए किसान गोवंश को शहर छोड़ आते हैं। 

एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह को गौवंश अभ्यारण बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था और उनकी वास्तविकता देखने के लिए प्रमुख सचिव भी आए थे। स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौवंश अभ्यारण बनाए जाने के बाद गौवंश सुरक्षित हो जाएगा। 

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